सेक्स स्कैंडल में फंसा साहित्य का नोबल पुरस्कार, जानिये क्या है मामला
सेक्स स्कैंडल में फंसा साहित्य का नोबल पुरस्कार, जानिये क्या है मामला
कोपेनहेगन। नोबल पुरस्कार पर सेक्स स्कैंडल की छाया पड़ गई है। इसके चलते इस वर्ष का साहित्य का नोबल पुरस्कार किसी को नहीं दिया जाएगा। 1786 से शुरु हुए नोबल पुरस्कारों के इतिहास में ऐसा 8वीं बार होगा कि साहित्य का नोबल किसी को भी नहीं दिया जाएगा। इससे पूर्व 70 साल पहले ऐसा हुआ था।
दरअसल इसके पीछे कारण विजेताओं का चयन करने वाली कमेटी की एक ज्यूरी मेंबर कटरीना फ्रोस्टेनसन के पति अरनॉल्ट पर लगे यौन शोषण के आरोप हैं। इसलिए ही साहित्य के नोबल विजेता का चुनाव ही नहीं हो पाया। कमेटी की आज हुई बैठक में यह निर्णय किया गया कि 2018 का साहित्य के लिए नोबल पुरस्कार 2019 में दिया जाएगा।
संस्था ने आधिकारिक तौर पर एक बयान जारी कर कहा है कि संस्थान की छवि पर असर पड़ा है, जिसके चलते जनता के भरोसे में कमी आई है। ऐसे वक्त में यह निर्णय लिया गया है।
सोशल मीडिया पर नवंबर 2017 में ऑनलाइन कैंपेन #MeToo के माध्यम से 18 महिलाओं ने कमेटी मेंबर कटरीना फोस्टेनसन के फ्रेंच फोटोग्राफर पति जीन क्लाउड अरनॉल्ट ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। वहीं अरनॉल्ट इन आरोपों से खारिज कर चुके हैं।
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नोबल पुरस्कार एकेडमी की 18 सदस्यों वाली कमेटी ने सदस्य फ्रोस्टेनसन के पति पर लगे इन आरोपों के चलते उन्हें कमेटी से निकालने के लिए मतदान किया, लेकिन सदस्यों के मतांतर के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका। एकेडमी ने इन आरोपों के पश्चात सदस्य फ्रोस्टेनसन और उनके पति से अपने रिश्ते खत्म कर लिए है। इसके अलावा एकेडमी के 6 सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं।
बता दें कि एकेडमी के इतने वर्षों के इतिहास में इससे पहले 7 और बार साहित्य के नोबल पर पर फैसला नहीं हो पाया है।
वेब डेस्क, IBC24

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