कोरोना वायरस के नये स्वरूपों से निपटने के लिए पाकिस्तान तैयार नहीं दिख रहा: विशेषज्ञ

कोरोना वायरस के नये स्वरूपों से निपटने के लिए पाकिस्तान तैयार नहीं दिख रहा: विशेषज्ञ

कोरोना वायरस के नये स्वरूपों से निपटने के लिए पाकिस्तान तैयार नहीं दिख रहा: विशेषज्ञ
Modified Date: December 26, 2022 / 01:41 pm IST
Published Date: December 26, 2022 1:41 pm IST

इस्लामाबाद, 26 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान में सोमवार को एक अखबार की खबर में दावा किया गया है कि देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के अधिकारी कोरोना वायरस के नये स्वरूप की आमद को रोकने के लिए अच्छी तरह तैयार नजर नहीं आ रहे, जो चीन समेत कुछ देशों में तेजी से फैल रहा है।

नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर (एनसीओसी) ने कहा कि हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है, लेकिन डॉन अखबार की खबर के अनुसार हवाई अड्डों पर कोविड-19 महामारी के संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए यात्रियों की जांच जैसे कोई कदम नहीं उठाये गये हैं।

खबर के अनुसार, एनसीओसी के सदस्य डॉ शहजाद अली खान ने कहा कि इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि पाकिस्तान में कोरोना वायरस के नये स्वरूप किस तरह का असर दिखाएंगे क्योंकि अलग-अलग पर्यावरण में वायरस भिन्न व्यवहार करता है।

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उन्होंने कहा, ‘‘हम हालात पर कड़ी नजर रख रहे हैं। यह बात सही है कि चीन में (कोविड-19 के) मामलों में तेजी से इजाफा देखा गया है क्योंकि वहां सख्त पाबंदियां थीं और अचानक से प्रतिबंधों को हटाने से वायरस का प्रकोप शुरू हो गया।’’

खान ने दावा किया कि पाकिस्तान में टीकाकरण के कारण नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है।

उन्होंने कहा, ‘‘नया स्वरूप उन लोगों को प्रभावित कर सकता है जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, इसलिए मैं लोगों से आग्रह करुंगा कि टीका लगवाएं और बूस्टर खुराक भी लें।’’

विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘एनसीओसी ने कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किये हैं, लेकिन मैं लोगों को सलाह दूंगा कि उन्हें कुछ दिन तक सामाजिक आयोजनों से बचना चाहिए।’’

रिपोर्ट के मुताबिक स्वतंत्र विशेषज्ञों का मानना है कि एनसीओसी को ताजा दिशानिर्देश जारी करने चाहिए और स्थिति पर बयान देना चाहिए।

माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर जावेद उस्मान ने कहा कि चीन में पाबंदियों को अचानक हटाने की वजह से वायरस तेजी से फैलने लगा।

उन्होंने कहा कि फिलहाल पाकिस्तान में बारिश की कमी की वजह से पर्यावरण में प्रदूषण है और धूल वायु को प्रदूषित कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा वातावरण इन्फ्लुएंजा, स्वाइन फ्लू (एच1एन1), श्वांस तंत्र को प्रभावित करने वाला रेस्पिरेटरी सिनसाइशियल वायरस (आरएसवी), नॉन कोविड-19 कोरोना वायरस तथा पैरा-इन्फ्लुएंजा वायरस के लिए अनुकूल होता है।’’

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा


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