टीटीपी को नियंत्रित करने के लिए अफगान तालिबान नेता की मदद लेगा पाकिस्तान

टीटीपी को नियंत्रित करने के लिए अफगान तालिबान नेता की मदद लेगा पाकिस्तान

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  • Publish Date - February 4, 2023 / 04:04 PM IST,
    Updated On - February 4, 2023 / 04:04 PM IST

पेशावर, चार फरवरी (भाषा) पाकिस्तान ने अफगान तालिबान के प्रमुख हैबुतल्लाह अखुंदजादा से प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) पर लगाम लगाने के लिए मदद मांगी है। शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात कही गई।

टीटीपी हाल में पेशावर मस्जिद में हुए आतंकी हमले समेत देश में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है।

पाकिस्तान न केवल देश के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में, बल्कि बलूचिस्तान और पंजाब के मियांवाली शहर में भी आतंकवाद की भीषण समस्या का सामना कर रहा है। यह शहर अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सीमा से जुड़ा है।

पेशावर मस्जिद में सोमवार को हुए हमले में तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया, जिसमें 101 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, शुक्रवार को शीर्ष समिति की बैठक के दौरान, पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने टीटीपी को नियंत्रित करने के लिए अफगान तालिबान प्रमुख हैबुतल्लाह अखुंदजादा के हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया।

रिपोर्ट में कहा गया कि शुक्रवार की बैठक में भाग लेने वाले पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि पेशावर मस्जिद हमले के मुख्य साजिशकर्ता अफगानिस्तान में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि संघीय सरकार इस मुद्दे को अपने अफगान समकक्षों के समक्ष उठाएगी।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को पेशावर नरसंहार को टाल पाने में विफल रहने की बात स्वीकार की और इस खतरे से निपटने के लिए ‘राष्ट्रीय एकता’ का आह्वान किया।

शरीफ ने बैठक में कहा, ‘राजनीतिक दायरे में एकता की जरूरत है। आतंकवाद का यह कृत्य सुरक्षा जांच चौकी को धता बताकर मस्जिद तक पहुंचने में कामयाब रहा। हमें तथ्यों को स्वीकार करने में संकोच नहीं करना चाहिए।’

इस बीच, पाकिस्तानी अधिकारियों ने डीएनए नमूनों के माध्यम से आत्मघाती हमलावर की पहचान कर पेशावर मस्जिद हमले की जांच में एक ‘महत्वपूर्ण सफलता’ हासिल करने का दावा किया है।

पुलिस ने कहा कि डीएनए परीक्षण किया गया और जांचकर्ता हमलावर के परिवार का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

टीटीपी ने जून 2022 में सरकार के साथ हुए अनिश्चितकालीन संघर्षविराम को पिछले साल नवंबर में वापस ले लिया था और अपने आतंकवादियों को सुरक्षाबलों पर हमले करने का आदेश दिया था।

आतंकी संगठन ने उग्रवादियों के खिलाफ सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा सख्त कदमों को जारी रखे जाने की स्थिति में प्रधानमंत्री शरीफ की पीएमएल-एन और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी की पीपीपी के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने की धमकी दी है। ऐसा समझा जाता है कि टीटीपी का अलकायदा के साथ करीबी संबंध हैं।

भाषा सुरेश नेत्रपाल

नेत्रपाल