यूएई के रेगिस्तान में बारिश आकर्षण तो पैदा करती है पर इसके खतरे भी बहुत हैं

यूएई के रेगिस्तान में बारिश आकर्षण तो पैदा करती है पर इसके खतरे भी बहुत हैं

यूएई के रेगिस्तान में बारिश आकर्षण तो पैदा करती है पर इसके खतरे भी बहुत हैं
Modified Date: September 5, 2025 / 03:27 pm IST
Published Date: September 5, 2025 3:27 pm IST

मसाफी, पांच सितंबर (एपी)संयुक्त अरब अमीरात के उत्तर में स्थित एक पहाड़ी गांव अक्सर रेगिस्तान की चिलचिलाती गर्मी से दो चार होता है। लेकिन पिछले हफ्ते अचानक बादलों ने आग उगलते सूरज को ढक लिया, तेज हवाएं चलने लगीं और फिर बारिश शुरू हो गई , जो यहां कम ही देखी जाती है।

अमीरात के लोगों के लिए बारिश हमेशा ही एक हैरान करने वाली घटना रही है। सफेद पोशाक पहने स्थानीय लोगों के साथ ही विदेशी कामगारों की विशाल आबादी भी इस बारिश को देखने के लिए उमड़ पड़ती है जिनमें से कई भारतीय उपमहाद्वीप के उन घरों से आते हैं जो मानसून की बाढ़ के बीच पले-बढ़े हैं।

लेकिन अरब प्रायद्वीप के सात अमीरात वाले इस राष्ट्र के लिए बारिश अपने साथ उम्मीद की किरण के साथ खतरा भी लेकर आती है।

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अकेले दुबई में अब लगभग 40 लाख लोग रहते हैं, जबकि 1980 में यह संख्या लगभग 2,55,000 थी और इस लिए यहां पानी आज भी बहुमूल्य संसाधन है।

इस बीच, वैश्विक तापमान वृद्धि के साथ मौसम के पैटर्न में भी बदलाव आया है। देश में पिछले वर्ष अब तक की सबसे भारी वर्षा दर्ज की गई, जिससे विश्वव्यापी यात्रा बाधित हुई और अब देश के नेता निर्माण के तरीके पर पुनर्विचार कर रहे हैं, जबकि निवासी घबराकर आसमान की ओर देख रहे हैं।

दुबई में अनौपचारिक मौसम पूर्वानुमानकर्ता हॉवर्ड टाउनसेंड कहते हैं, ‘‘यहां बारिश लगभग किसी आतिशबाज़ी की तरह है। जब बारिश होती है, तो यह एक वरदान, एक राहत की तरह होती है।’’

तेजी से बढ़ता राष्ट्र अब भी प्यासा है। संयुक्त अरब अमीरात, जिसकी कुल जनसंख्या अनुमानतः एक करोड़ है, उत्तर और पश्चिम में फारस की खाड़ी तथा पूर्व में ओमान की खाड़ी के किनारे स्थित है।

हाजार की पहाड़ियां यूएई को पड़ोसी ओमान से अलग करती हैं। प्रायद्वीप की दक्षिणी सीमाओं पर, ओमान और यमन के समुद्र तटीय इलाकों में मानसून की बारिश हो सकती है। लेकिन प्रायद्वीप के विशाल रेगिस्तानी इलाके, जिसे खाली क्वार्टर के नाम से जाना जाता है, में मौसम का मिजाज ऐसा है कि बादल नहीं आते।

इसका अभिप्राय है कि कुछ इलाकों में बारिश बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती, कभी-कभी तो सालों तक। अमीरात के लिए, इसका मतलब है कि पीने के पानी की आपूर्ति के लिए लगभग 70 जल विलवणीकरण संयंत्रों पर भारी निर्भरता, साथ फसलों के लिए ड्रिप सिंचाई जो पुनर्चक्रित अपशिष्ट जल पर निर्भर हैं। हाल के वर्षों में बहते पानी को रोकने और संग्रहीत करने के लिए बांध भी बनाए गए हैं।

इन तमाम प्रयासों के बावजूद विश्व संसाधन संस्थान के अनुसार, संयुक्त अरब अमीरात दुनिया भर में जल संकट के खतरे के मामले में सातवें स्थान पर है। भूजल भंडार वर्षों से दबाव में हैं। यूएई सालों से कृत्रिम बारिश करा रहा है, जिसमें बारिश कराने के लिए बादलों में रसायन का छिड़काव विमान से किया जाता है।

खबरों के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात के नेता और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने 2011 में कहा था, ‘‘पानी तेल से अधिक महत्वपूर्ण है।’’

यह दुबई के लिए विशेष रूप से वास्तविकता है, जहां बढ़ती आबादी के लिए जरूरतें बढ़ रही हैं। सरकारी स्वामित्व वाले दुबई विद्युत एवं जल प्राधिकरण ने बताया कि पिछले साल अकेले विलवणीकरण के माध्यम से 683.7 अरब लीटर पानी का उत्पादन हुआ, और शहर-राज्य के साथ-साथ पानी की मांग भी लगातार बढ़ रही है।

फिर भी अमीराती सरकार के आंकड़े बताते हैं कि यहां के निवासी प्रतिदिन लगभग 550 लीटर पानी का उपयोग करते हैं, जो विश्व भर में सर्वाधिक की श्रेणी में आता है।

हालांकि, बारिश के प्रति आकर्षण के बावजूद, अप्रैल 2024 में दुबई में आई बाढ़ के बाद कई लोगों में डर का माहौल है। एक दिन में इतनी बारिश हुई जितनी 1949 के बाद से कभी नहीं हुई। अधिकारियों ने उसी वर्ष से आंकड़ों को एकत्र करना शुरू किया था।

दुबई में 24 घंटों में 142 मिलीमीटर से ज़्यादा बारिश हुई। दुनिया के सबसे व्यस्त अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर औसतन एक साल में 94.7 मिलीमीटर बारिश होती है।

किसी बड़े शहर के लिए यह ज़्यादा नहीं लग सकता लेकिन दुबई के लिए इस मायने में यह अधिक है कि शहर में जलनिकासी व्यवस्था इस स्तर की बारिश के लिए नहीं है।

बाद में वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन से जुड़े वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक विश्लेषण में, जो मौसम और जलवायु परिवर्तन के साथ उसके संबंधों का अध्ययन करता है, पाया गया कि 85 प्रतिशत आबादी और शहर-राज्य का 90 प्रतिशत बुनियादी ढांचा ‘‘बढ़ते समुद्र स्तर और चरम मौसम की घटनाओं के प्रति संवेदनशील’’था।

दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने इससे सबक लेते हुए भूमिगत सुरंग उपकरणों का उपयोग करके शहर के लिए एक विशाल वर्षा जल निकासी प्रणाली बनाने के लिए आठ अरब अमेरिकी डॉलर की योजना की भी घोषणा की।

एपी धीरज नरेश

नरेश


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