प्रकृति का अधिकार : नदी को ‘व्यक्ति’ का दर्जा मिलने से संरक्षण में मिल सकती है मदद | Right to Nature: River getting 'person' status can help in conservation

प्रकृति का अधिकार : नदी को ‘व्यक्ति’ का दर्जा मिलने से संरक्षण में मिल सकती है मदद

प्रकृति का अधिकार : नदी को ‘व्यक्ति’ का दर्जा मिलने से संरक्षण में मिल सकती है मदद

प्रकृति का अधिकार : नदी को ‘व्यक्ति’ का दर्जा मिलने से संरक्षण में मिल सकती है मदद
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: June 6, 2021 3:43 pm IST

( जस्टिन टोनसेंड, यूनिवसिर्टी ऑफ ग्वेल्फ; एलेक्सिस बंटेन, बायोनीअर्स इंडिजीनिटी प्रोग्राम ; कैथरीन आयरंस, विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंगटन ; लिंडसे बोरोज, यूनिवसिर्टी ऑफ अलबेर्टा )

टोरंटो (कनाडा), छह जून (द कन्वर्सेशन) कनाडा में स्थित म्युतेशेकाऊ शिपु (मैगपाई नदी) क्येबेक कोत-नॉर्द क्षेत्र में 600 किलोमीटर बहती है। इन्नू के लिए सांस्कृतिक रूप से यह महत्वपूर्ण है और राफ्ट तथा नौकायन के लिए लोकप्रिय है।

नदी को संरक्षित करने के प्रयासों के बावजूद म्युतेशेकाऊ शिपु नदी लगातार संभावित नए पनबिजली बांध विकास परियोजनाओं के कारण खतरे का सामना कर रही है। हालांकि, फरवरी में ‘द इन्नू काउंसिल ऑफ एकुआनितशित’ और ‘मिनंगेनी रिजनल काउंटी म्युनिसिपलिटी’ ने म्युतेशेकाऊ शिपु (मैगपाई नदी) को ‘वैधानिक व्यक्ति’ का दर्जा दिया। इस कदम से इस करिश्माई नदी के भविष्य के लिए बेहतर संभावनाएं बन सकती हैं।

कनाडा में यह पहली बार है जब कानून में प्रकृति के अधिकारों को मान्यता देने के लिए एक वैश्विक मुहिम के तहत किसी प्राकृतिक संपदा को वैधानिक व्यक्ति का दर्जा मिला है। दुनिया भर के जातीय समुदाय ऐसी पवित्र एवं प्राचीन नदियों, वनों और पर्वतों के अधिकारों को बनाये रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। प्रकृति के अधिकारों को मान्यता देना सभी लोगों को लाभान्वित करने के इरादे से जातीय लोगों के कानूनों और विश्वदृष्टि की ताकत को बढ़ाने का एक अवसर है।

सार : मान्यता यह है कि प्राकृतिक संपदाएं हमारे लिए संसाधन की तरह हैं, जिन्हें महज थोड़ा सा सम्मान देकर और उनकी थोड़ी सी परवाह कर लंबे समय तक उन्हें जीवन दिया जा सकता है और इनका इस्तेमाल मानव अपने लाभ के लिए कर सकता है। कनाडा के कानून और आर्थिक प्रणाली में यह गहरे तक अंतर्निहित है।

ये मूल्य हमारी जैवविविधता और जलवायु संकट की मूल विचारधाराओं को प्रभावित करते हैं। ये विचारधाराएं नदियों, वन और हमारे परिवेश के परिवर्तन को महज एक वस्तु के रूप में और हमारे अपने जोखिम पर निजी संपत्ति के रूप में न्यायसंगत ठहराती हैं।

प्राकृतिक संपदाओं को वैधानिक व्यक्ति का दर्जा मिलने और कानूनी रूप से उनके अधिकारों को सुनिश्चित करना एक आशाजनक वैधानिक नवाचार है।

प्रकृति के अधिकार :

तेईस फरवरी को ‘अलायंस फॉर द प्रोटेक्शन ऑफ द मैगपाई नदी/म्युतेशेकाऊ शिपु’ को नदी के नौ अधिकार मिले। इनमें स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ने और संरक्षित करने के साथ इस्तेमाल के योग्य प्रदूषण से मुक्त नदी जैसे अधिकार शामिल हैं।

गठबंधन का हिस्सा रहे ‘इन्नू काउंसिल ऑफ एकुआनित्शित के सदस्य नदी के संरक्षक होंगे। इसका अर्थ है कि इससे जुड़े लोग भविष्य में नदी की देखभाल के लिए औपचारिक रूप से जिम्मेदार होंगे।

( द कन्वर्सेशन) आशीष दिलीप

दिलीप

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