टोरंटो, 20 जुलाई (भाषा) ब्रिटिश कोलम्बिया के पूर्व सॉलिसीटर जनरल काश हीड ने कहा है कि 1985 के एयर इंडिया कनिष्क बमकांड में बरी किये गये सिख नागरिक रिपुदमन सिंह मलिक की लक्षित हत्या ‘पेशेवर हत्या’ का एक नमूना है और इसकी जांच ‘कठिन’ हो सकती है।
ब्रिटिश कोलम्बिया के सर्रे में गत 15 जुलाई को मलिक की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। मलिक और सह-आरोपी अजायब सिंह बागरी को इस मामले में हत्या और षड्यंत्र रचने के आरोपों से 2005 में बरी कर दिया गया था। इस बम कांड में 331 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी।
काश हीड ने यह शनिवार को सीटीवी न्यूज को दिये एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि उनका मानना है कि जांचकर्ताओं को मलिक के हत्यारे का पता लगाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
हीड ने पेशेवराना हत्या के अन्य मामलों की समानता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘किसी एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्तियों की हत्या का यह नमूना है और यह बिल्कुल सामान्य बात है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जांच बहुत ही कठिन होने जा रही है और रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) तथा अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां किसी गोपनीय मुखबिर को तलाशने जा रही हैं।’’
हीड ने कहा, ‘‘सर्रे में कछ ही दिन पहले मलिक के साथ जो घटना घटी उसके बारे में कई लोग जानते होंगे, लेकिन वे अपनी सुरक्षा के भय से सामने नहीं आएंगे।’’
भाषा सुरेश मनीषा
मनीषा
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