शांति प्रयास ठप, रूस ने यूक्रेन के आठवें क्षेत्र में लगाई सेंध
शांति प्रयास ठप, रूस ने यूक्रेन के आठवें क्षेत्र में लगाई सेंध
कीव, 27 अगस्त (एपी) अमेरिका के नेतृत्व में चल रहे शांति प्रयासों के ठहर जाने के बीच रूस की सेना ने यूक्रेन के एक और नये क्षेत्र ‘दनिप्रोपेत्रोव्स्क’ में सेंध लगा ली है। इसके साथ ही यह यूक्रेन में चल रहे तीन साल लंबे युद्ध में आठवां क्षेत्र बन गया है, जिस पर रूस अपना कब्जा जमाने क प्रयास कर रहा है। यूक्रेनी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
स्थानीय थल सेना के प्रवक्ता विक्टर त्रेहुबोव ने एसोसिएटेड प्रेस से फोन पर बातचीत में बताया कि कुछ रूसी सैनिक नोवोहेओर्हिवका और जैपोरीज्के नामक गांवों में दाखिल हो गए हैं। ये गांव पूर्वी यूक्रेन के प्रमुख औद्योगिक केंद्र दनिप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र में हैं, जो दोनेत्स्क से सटा हुआ है और जहां पहले से भीषण लड़ाई जारी है।
हालांकि, रूस के रक्षा मंत्रालय ने पहले ही दावा किया था कि उसने इन दोनों गांवों पर कब्जा कर लिया है, लेकिन त्रेहुबोव के मुताबिक, वहां अभी रूसी सेना ने न तो मोर्चाबंदी की है और न ही किलेबंदी तथा लड़ाई अब भी जारी है।
यूक्रेनी सेना रूस की बड़ी और संसाधन-सम्पन्न सेना के सामने दबाव में है। सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि फिलहाल यूक्रेन की रक्षा पंक्ति टूटने के कोई स्पष्ट संकेत नहीं हैं, लेकिन रूस की धीमी लेकिन सतत प्रगति यूक्रेन पर दबाव बनाए हुए है।
इस जंग का मोर्चा करीब 1000 किलोमीटर तक फैला हुआ है, जहां दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं। रूस की सेनाएं पहले ही सुमी, खारकीव, लुहान्स्क, दोनेत्स्क, जेपोरिज्जिया, खेरसॉन और मायकोलाइव क्षेत्रों में मौजूद हैं।
गौरतलब है कि रूस ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया प्रायद्वीप को अवैध रूप से हड़प लिया था, और अब यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है।
इस बीच, पश्चिमी देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर शांति वार्ता में जानबूझकर टालमटोल करने और गंभीर बातचीत से बचने के आरोप लगाए हैं, जबकि उनकी सेना यूक्रेन में और अंदर तक घुसपैठ करती जा रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को पुतिन की ओर से शांति वार्ता के प्रस्तावों को नजरअंदाज किए जाने पर नाराजगी जाहिर की। ट्रंप ने कहा कि यदि दो सप्ताह में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ सीधी बातचीत की योजना नहीं बनती, तो वह अगला कदम तय करेंगे।
यूक्रेन पहले ही अमेरिका के शांति सम्मेलन और युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर चुका है। वहीं, रूस ने यूक्रेन की सुरक्षा के लिए पश्चिमी देशों द्वारा सुझाए गए गारंटी प्रस्तावों पर भी आपत्ति जताई है, क्योंकि उसे आशंका है कि इससे नाटो की मौजूदगी यूक्रेन में बढ़ सकती है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने बुधवार को फिर दोहराया कि यूक्रेन में नाटो सैनिकों की तैनाती मॉस्को को स्वीकार्य नहीं होगी।
इस बीच, यूक्रेन ने रूस की युद्ध क्षमता को कमजोर करने के लिए अब लंबी दूरी के ड्रोन हमलों के जरिये रूसी तेल रिफाइनरियों और ढांचागत ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इन हमलों के कारण रूस के कुछ क्षेत्रों में पेट्रोल पंप बंद हैं। वहीं रूस भी यूक्रेन की ऊर्जा आपूर्ति को पूरी तरह से तहस-नहस करने में जुटा है।
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि रूस ने देश के छह क्षेत्रों में ऊर्जा और गैस से संबंधित बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है, जिससे सर्दियों से पहले हालात और बिगड़ सकते हैं।
एपी सुरेश अविनाश
अविनाश

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