हसीना के खिलाफ न्यायाधिकरण के फैसले से पहले बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई
हसीना के खिलाफ न्यायाधिकरण के फैसले से पहले बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई
ढाका, 16 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के विरुद्ध मानवता के खिलाफ कथित अपराधों को लेकर विशेष न्यायाधिकरण के फैसले से एक दिन पहले रविवार को देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है।
अभियोजन पक्ष ने रविवार को हसीना के लिए मौत की सजा की मांग दोहराई।
बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी-बीडी) सोमवार को 78 वर्षीय हसीना के खिलाफ फैसला सुनाएगा। इस मामले की सुनवाई उनके गैर हाजिर रहने के दौरान हुई।
आईसीटी-बीडी के अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने संवाददाताओं को से कहा, ‘‘हमने हसीना के लिए यथासंभव अधिकतम सजा की मांग की है। इसके अतिरिक्त, हमने दोषी की संपत्ति जब्त करने और उसे (पिछले साल के प्रदर्शन के दौरान) शहीदों और घायलों के परिवारों में वितरित करने का अनुरोध किया है।’’
तमीम ने कहा कि आईसीटी-बीडी कानून हसीना को उच्चतम न्यायालय के शीर्ष अपीलीय प्रभाग में फैसले को चुनौती देने से तब तक रोकेग, जब तक कि वह आत्मसमर्पण नहीं कर देतीं या फैसले के बाद 30 दिन के भीतर गिरफ्तार नहीं कर ली जातीं।
सरकारी समाचार एजेंसी ‘बांग्लादेश संगबाद संस्था’ (बीएसएस) की खबर के मुताबिक, गृह सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, ‘‘देश भर में अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अपनी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं।’’
फैसले से पहले कानून और व्यवस्था की स्थिति को लेकर तनाव पैदा होने के बीच बीजीबी की तैनाती के अलावा, ढाका में पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है।
स्थानीय अखबारों की खबर के अनुसार, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) आयुक्त एसएम सज्जात अली ने कहा, ‘‘मैंने वायरलेस पर संदेश दिया कि जो कोई भी बसों में आग लगाए या जान से मारने के इरादे से देसी बम फेंके, उसे गोली मार दी जानी चाहिए। हमारे कानून में यह अधिकार स्पष्ट रूप से दिया गया है।’’
हसीना, उनके गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर पिछले वर्ष सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप है। इनमें हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ित करना और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं।
न्यायाधिकरण ने 10 जुलाई को तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे।
हसीना और कमाल पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया तथा अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया, जबकि मामून ने व्यक्तिगत रूप से मुकदमे का सामना किया, लेकिन वह सरकारी गवाह बन गया।
हसीना के समर्थकों का कहना है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
भाषा
नोमान नेत्रपाल
नेत्रपाल

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