कोलंबो, दो अगस्त (भाषा) श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने देश के अल्पसंख्यक तमिल समुदाय के साथ अपने सुलह प्रयासों के तहत 13वें संशोधन के पूर्ण कार्यान्वयन को लेकर निरंतर आगे बढ़ने की योजना बनाई है। राष्ट्रपति अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
श्रीलंका में अल्पसंख्यक तमिल समुदाय 13वें संशोधन को लागू करने की मांग कर रहा है जिसमें तमिल समुदाय को सत्ता के हस्तांतरण का प्रावधान है।
संविधान का 13वां संशोधन (13ए) 1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के बाद लाया गया था। इसके तहत उत्तरी और पूर्वी प्रांतों के अस्थायी विलय के साथ सत्ता हासिल करने वाली इकाई के रूप में नौ प्रांतों का सृजन किया गया।
राष्ट्रपति के अधिकारियों ने कहा कि विक्रमसिंघे अगले सप्ताह संसद को संबोधित करेंगे जब संसद का नियमित सत्र फिर से बुलाया जाएगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति प्रांतीय परिषदों को दी जा सकने वाली सभी शक्तियों के साथ इसे लागू करने की अपनी योजना की रूपरेखा तैयार करेंगे।’’
पिछले महीने एक सर्वदलीय बैठक के दौरान विक्रमसिंघे ने कहा था कि पुलिस के अधिकार को छोड़कर सभी शक्तियां परिषदों को दी जा सकती हैं।
राष्ट्रपति 13ए के पूर्ण कार्यान्वयन पर विभिन्न राजनीतिक दलों से प्राप्त सभी प्रस्तावों को भी संसद में प्रस्तुत करेंगे। मुख्य तमिल पार्टी – तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) – वार्ता में रोके गये प्रांतीय परिषद चुनाव को कराने पर अड़ी थी।
टीएनए ने पिछली श्रीलंकाई सरकार के बयानों का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि (तमिलों को) पूर्ण अधिकार दिए जाएंगे।
चुनाव सुधारों के कदम के बाद 2018 से नौ प्रांतों के चुनाव रुके हुए हैं।
भाषा सुरभि संतोष
संतोष
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