माता-पिता की अनुमति से शराब पीने वाले किशोर युवावस्था में करते हैं अधिक मदिरापान

माता-पिता की अनुमति से शराब पीने वाले किशोर युवावस्था में करते हैं अधिक मदिरापान

माता-पिता की अनुमति से शराब पीने वाले किशोर युवावस्था में करते हैं अधिक मदिरापान
Modified Date: May 21, 2025 / 02:59 pm IST
Published Date: May 21, 2025 2:59 pm IST

(बर्नार्ड पेरेडा, यूनिवर्सिटी एट बफेलो)

बफेलो (अमेरिका), 21 मई (द कन्वरसेशन) किसी भी उम्र के ऐसे बच्चे और किशोर जो अपने माता-पिता की अनुमति से शराब पीते हैं या उसका स्वाद चखते हैं, युवावस्था में उनके जोखिमपूर्ण तरीके से शराब पीने की आशंका अधिक होती है।

यह ‘एडिक्टिव बिहेवियर’ पत्रिका में प्रकाशित मेरे और मेरे सहकर्मियों के एक नए अध्ययन का निष्कर्ष था।

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अध्ययन में, हमने 2009 से 2018 के बीच 11 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 387 किशोरों और उनके माता-पिता द्वारा प्रतिवर्ष भरी गईं प्रश्नावलियों को खंगाला।

इन प्रश्नावलियों के विषयों में बच्चे और माता-पिता के शराब के सेवन का इतिहास, शराब के बारे में मान्यताएं और घर में शराब के बारे में नियम शामिल थे।

प्रश्नावली में किशोरों से यह भी पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी अपने माता-पिता की अनुमति से शराब पी है, भले ही कुछ घूंट ही क्यों न पी हो और यदि हां, तो उन्होंने पहली बार किस उम्र में ऐसा किया।

हमने विश्लेषण किया कि क्या किशोरावस्था के दौरान माता-पिता की अनुमति से शराब पीने से 18 से 20 वर्ष की आयु में शराब पीने की प्रवृत्ति के परिणाम की भविष्यवाणी की जा सकती है?

इनमें शामिल था कि उन्होंने कितनी बार और कितनी शराब पी, शराब सेवन विकार के लक्षण और खुद को चोट पहुंचाने तथा शराब पीते समय कही गई बातों पर पछतावा करने जैसे नकारात्मक परिणाम भी इसमें शामिल थे।

फिर, हमने देखा कि जिस उम्र में यह प्रवृत्ति शुरू हुई, क्या उसने जोखिमपूर्ण तरीके से शराब पीने की आशंका को प्रभावित किया। हमारे विश्लेषण में, हमने साथियों द्वारा शराब का सेवन, माता-पिता द्वारा शराब का सेवन और व्यक्तित्व जैसे कारकों को भी ध्यान में रखा।

हमारे नमूने में, माता-पिता की अनुमति से 5 वर्ष की आयु से लेकर 17 वर्ष की आयु तक शराब पीने के मामले थे, लेकिन आम तौर पर 12 वर्ष की आयु के आसपास इसकी शुरुआत को लिया गया। हमने पाया कि लगभग 80 प्रतिशत किशोरों ने जवाब दिया कि उन्होंने माता-पिता की अनुमति से शराब पी थी।

यह संख्या कुछ अन्य अध्ययनों की तुलना में अधिक है, संभवतः इसलिए क्योंकि हमारे अध्ययन में आयु सीमा अधिक थी। इस विषय की खोज करने वाले अनुसंधानों में आम तौर पर कम उम्र के किशोरों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिन्हें उनके माता-पिता द्वारा शराब पीने की अनुमति दिए जाने की संभावना कम होती है, लेकिन किशोरों की उम्र बढ़ने के साथ यह चलन आम होता जाता है।

हमने पाया कि जिन परिवारों ने इसकी अनुमति दी थी, उनके किशोरों के अधिक बार और अधिक मात्रा में शराब पीने की संभावना ज्यादा थी।

माता-पिता अपने बच्चों को शराब के बारे में सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परिवार अक्सर वह पहला स्थान होता है जिसमें बच्चों को शराब के बारे में पता चलता है। ऐसा या तो खुद इसे आजमाकर या दूसरों को पीते हुए देखकर उन्हें पता चलता है।

अध्ययनों से पता चलता है कि अमेरिका में 13 वर्ष से कम आयु के 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत बच्चे माता-पिता की अनुमति से शराब आजमाते हैं।

कई माता-पिता इसे एक सुरक्षात्मक रणनीति के रूप में देखते हैं। उनका मानना ​​है कि इससे शराब के बारे में जिज्ञासा कम होती है और सुरक्षित मदिरापान की निगरानी का अवसर मिलता है।

फिर भी कई शोध समूहों के अध्ययनों में पाया गया है कि माता-पिता द्वारा शराब देना, चाहे केवल एक घूंट पीने देना या चखना ही क्यों न हो, वास्तव में भविष्य में शराब पीने की संभावना को बढ़ाता है।

कुल मिलाकर, ये निष्कर्ष ऐसे सार्वजनिक स्वास्थ्य संदेश दे सकते हैं जो किशोरों को किसी भी उम्र में शराब आजमाने की अनुमति देने के जोखिमों को समझाते हैं।

भविष्य के अध्ययन इस बात पर प्रकाश डाल सकते हैं कि किशोरावस्था में नियमित रूप से शराब पीना और उसका स्वाद लेना सिर्फ एक या दो बार इसका सेवन करने से ज्यादा जोखिम भरा है या नहीं।

इसके अलावा, यह कितना हानिकारक है? यह किशोरों के व्यक्तित्व के साथ-साथ उस संदर्भ पर भी निर्भर करता है जिसमें माता-पिता इसकी अनुमति देते हैं। उदाहरण के लिए, यह उन बच्चों के लिए विशेष रूप से हानिकारक हो सकता है जो नए और रोमांचक अनुभवों की तलाश में रहते हैं। दूसरी ओर, धार्मिक आयोजनों जैसी अत्यधिक संरचनात्मक व्यवस्था में, यह कम जोखिम भरा हो सकता है।

(द कन्वरसेशन) वैभव नरेश

नरेश


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