Terrorist Attack on School: एजुकेशन सेंटर में ताबड़तोड़ फायरिंग, अब तक 11 लोगों ने गंवाई जान, मचा हड़कंप, बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या
Terrorist Attack on School: एजुकेशन सेंटर में ताबड़तोड़ फायरिंग, अब तक 11 लोगों ने गंवाई जान, मचा हड़कंप, बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या
UP Crime News / Image Source: IBC24
स्टॉकहोम: Terrorist Attack on School स्वीडन के पश्चिमी स्टॉकहोम में एक शिक्षा केंद्र पर हुई भारी गोलीबारी में हमलावर सहित कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी। अधिकारियों ने मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि की आशंका जताई है। बुधवार तड़के हुई इस घटना में शामिल हमलावर के मकसद और घायलों की संख्या का पता नहीं चल पाया है। स्वीडन में विद्यालयों व शिक्षा केंद्रों पर इस तरह के हमले की घटनाएं न के बराबर होती है, जिस कारण इलाके में हड़कंप मच गया।
Terrorist Attack on School पुलिस ने पहले कहा था कि इस घटना में मारे गये लोगों की संख्या का पता लगाना मुश्किल है। ‘कैम्पस रिसबर्गस्का’ नाम का यह स्कूल 20 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों के लिए प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा कक्षाएं, अप्रवासियों के लिए स्वीडिश भाषा की कक्षाएं, बौद्धिक अक्षमताओं वाले बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और कार्यक्रम प्रदान करता है।
यह स्कूल स्टॉकहोम से लगभग 200 किलोमीटर पश्चिम में ओरेब्रो के बाहरी इलाके में स्थित है। न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने गोलीबारी को ‘एक ऐसी घटना करार दिया, जिसने पूरे समाज को झकझोर कर दिया है।’ गोलीबारी मंगलवार दोपहर उस समय शुरू हुई जब कई छात्र राष्ट्रीय परीक्षा देने के बाद घर चले गए थे। गोलीबारी के बाद आस-पास की इमारतों में शरण लिए हुए विद्यार्थियों और स्कूल के अन्य हिस्सों को खाली करा दिया गया।
अधिकारी मृतकों की पहचान करने में जुटे हैं और पुलिस ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। स्थानीय पुलिस के प्रमुख रॉबर्टो ईद फॉरेस्ट ने संवाददाताओं को बताया कि मृतकों में संदिग्ध हमलावर भी शामिल है। प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने मंगलवार देर रात स्टॉकहोम में संवाददाताओं से कहा, “आज हमने पूरी तरह से निर्दोष लोगों के खिलाफ क्रूर, घातक हिंसा देखी है। यह स्वीडिश इतिहास में गोलीबारी की सबसे वीभत्स घटना है। कई सवाल अनुत्तरित हैं और मैं उन सवालों के जवाब भी नहीं दे सकता।” उन्होंने कहा, “लेकिन वह समय आएगा जब हम जानेंगे कि क्या हुआ था, कैसे हुआ था और इसके पीछे क्या मकसद हो सकता है। हमें अटकलें नहीं लगानी चाहिए।’’

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