कैपिटल हिल हमले ने ‘‘अमेरिकी लोकतंत्र को खतरे में डाला’’

कैपिटल हिल हमले ने ‘‘अमेरिकी लोकतंत्र को खतरे में डाला’’

कैपिटल हिल हमले ने ‘‘अमेरिकी लोकतंत्र को खतरे में डाला’’
Modified Date: November 29, 2022 / 08:13 pm IST
Published Date: June 10, 2022 10:07 am IST

वाशिंगटन, 10 जून (एपी) कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद भवन) में हुए दंगों और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम उलटने के डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों की जांच कर रही 1/6 समिति ने कहा कि घातक हमले और उसके लिए जिम्मेदार झूठ के कारण ‘‘ढाई सदी पुराना संवैधानिक लोकतंत्र खतरे में पड़ गया।’’

प्रतिनिधि सभा के सदस्य बेनी थॉम्पसन ने कहा कि कैपिटल हमले और पराजित राष्ट्रपति ट्रंप के अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन की चुनावी जीत को पलटने के असाधारण प्रयास पर समिति की साल भर चली जांच पर अमेरिका की प्रतिक्रिया को ‘‘दुनिया देख रही है।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका से लंबे समय से एक महान देश बनने की उम्मीद की जा रही है। थॉम्पसन ने कहा, ‘‘एक आशा एवं आजादी की किरण। हम यह भूमिका कैसे निभा सकते हैं, जब हमारा खुद का सदन इस तरह अव्यवस्थित है? हमें सच्चाई का डटकर सामना करना चाहिए।’’

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समिति ने उस दिन की घातक हिंसा की ‘‘दुखद कहानी’’ बयां करने वाले पहले कभी नहीं देखे गए वीडियो और पराजित राष्ट्रपति ट्रंप के बाइडन की चुनावी जीत को उलटने की कोशिश करने संबंधी अन्य सबूतों को पेश करने की योजना बनाई है।

बृहस्पतिवार को ‘प्राइम-टाइम’ सुनवाई में दंगा स्थल पर सबसे पहले पहुंचे एक पुलिस अधिकारी और एक प्रत्यक्षदर्शी (वृत्तचित्र फिल्म निर्माता) की गवाही पेश की गई, जिसने चरमपंथी लड़कों का पीछा किया था, क्योंकि वे चुनाव के तुरंत बाद ट्रंप के लिए लड़ने को तैयार थे और उसके बाद ही कैपिटल हिल पर हमला हुआ।

गौरतलब है कि ट्रंप ने तीन नवंबर 2020 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में हार स्वीकार नहीं की थी और उन्होंने चुनाव में धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे। ट्रंप के इन आरोपों के बीच उनके समर्थकों ने छह जनवरी को संसद भवन परिसर में कथित तौर पर हिंसा की थी।

एपी निहारिका पारुल

पारुल


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