प्रयास किये जाने को लोग कितना महत्व देते हैं, नये अध्ययन में विभिन्न पहलुओं पर किया गया गौर

प्रयास किये जाने को लोग कितना महत्व देते हैं, नये अध्ययन में विभिन्न पहलुओं पर किया गया गौर

प्रयास किये जाने को लोग कितना महत्व देते हैं, नये अध्ययन में विभिन्न पहलुओं पर किया गया गौर
Modified Date: April 7, 2025 / 04:31 pm IST
Published Date: April 7, 2025 4:31 pm IST

(पियोट्र विंकीलमैन और प्रेजेमीस्लाव मार्कोव्स्की, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो)

सैन डिएगो, सात अप्रैल (द कन्वरसेशन) यह निर्णय लेते समय कि क्या कोई चीज प्रयास किये जाने लायक है नहीं, उसके लिए पहले की गई मेहनत या भविष्य में किया जाने वाला परिश्रम इस बारे में आपके विचार को प्रभावित करता है।

हमने एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अपने नये अध्ययन में इसी बात का पता लगाया है।

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आप जब भविष्य में किये जाने वाले प्रयास पर विचार करते हैं, तो अधिक परिश्रम से परिणाम कम आकर्षक हो जाते हैं। लेकिन जब आप काम पूरा कर लेते हैं, तो अधिक प्रयास से परिणाम कहीं ज्यादा मूल्यवान लगते हैं। हमने यह भी पाया कि समय निर्धारण के इस सामान्य सिद्धांत के पीछे छिपे हुए व्यक्तिगत अंतर हैं कि कैसे भविष्य और अतीत के प्रयास लोगों की मेहनत के परिणाम को आकार देते हैं।

आपके लिए इसका क्या महत्व है?

हमारे प्रयोग में, हमने प्रतिभागियों को एक निश्चित राशि और एक घरेलू सामान – एक मग – के बीच चयन करने का विकल्प दिया, जिसे वे घर ले जा सकते थे, बशर्ते वे कुछ शारीरिक मेहनत करें, जो मोटे तौर पर एक, दो या तीन सीढ़ियां चढ़ने के समान है।

इससे हमें यह पता लगाने में मदद मिली कि प्रत्येक व्यक्ति ने प्रयास को कितना महत्व दिया? उदाहरण के लिए, थोड़ा और प्रयास करने पर कोई व्यक्ति अपना निर्णय बदल देता है और मग के बजाय नकदी लेने का निर्णय लेता है, तो हम यह बता सकते हैं कि उसने मग और उस प्रयास को उस राशि से कम महत्व दिया है।

यह प्रयास जब भविष्य में किया जाना है, तो प्रतिभागियों ने तय किया कि वे नकदी के साथ जाना चाहते हैं या कुछ प्रयास कर मग प्राप्त करना चाहते हैं। लेकिन जब यह प्रयास अतीत में किया जाना था, तो प्रतिभागियों ने निर्णय लिया कि वे उस मग को नकदी में भुनाना चाहते हैं जिसे उन्होंने पहले ही प्रयास कर अर्जित किया था।

जैसा कि हमने उम्मीद की थी, भविष्य के प्रयास से मग का महत्व आम तौर पर कम हो जाता है, लेकिन पिछले प्रयास से आम तौर पर इसके महत्व में वृद्धि होती है। लेकिन ये सामान्य रुझान पूरी कहानी नहीं बयां करते हैं। हर कोई प्रयास के प्रति एक जैसा प्रतिक्रिया नहीं करता है। हमारे अध्ययन में व्यक्तिगत अंतरों को भी रेखांकित किया गया। चार अलग-अलग पैटर्न सामने आए:

कुछ लोगों के लिए, अतिरिक्त प्रयास हमेशा महत्व घटा देता है।

अन्य लोग लगातार अधिक काम वाली वस्तुओं को प्राथमिकता देते हैं।

कई लोगों ने मिश्रित पैटर्न दिखाया, जहां मध्यम प्रयास ने महत्व में वृद्धि की लेकिन अत्यधिक प्रयास ने इसे कम कर दिया।

कुछ लोगों ने इसके विपरीत अनुभव किया : शुरू में प्रयास को नापसंद किया, फिर उच्च स्तर पर अधिक महत्व दिया।

ये बदलते पैटर्न दर्शाते हैं कि प्रयास के साथ व्यक्ति का संबंध सरल नहीं है।

‘कम काम के नियम’ का उल्लंघन क्यों करें?

एक पक्षी, जो आसानी से मिलने वाले समान विकल्प के बजाय मुश्किल से मिलने वाले फूल को पसंद करता है, उसे अपने प्रयास का फल मिल सकता है, लेकिन थका हुआ होने के कारण अधिक समय तक नहीं टिक पाएगा।

हमारे नये निष्कर्ष रोजमर्रा के जीवन में विरोधाभासी प्रतीत होने वाली घटनाओं की व्याख्या करते हैं। व्यायाम की दिनचर्या शुरू करना मुश्किल लगता है, लेकिन आदत बना लेने के बाद, वही व्यायाम उपलब्धि का स्रोत बन जाते हैं।

अब भी क्या ज्ञात नहीं है:

‘‘बिना मेहनत के फल नहीं’’ या ‘‘आसानी से मिलने वाली चीज आसानी से चली जाती है” जैसी कहावतें हमारी संस्कृति में मौलिक प्रतीत होती हैं।

अब हम अध्ययन कर रहे हैं कि प्रयास किस प्रकार मूल्य के विभिन्न पहलुओं को आकार देता है। जैसे कि लोग भीड़ में घंटों इंतजार करने के बाद मोनालिसा की तस्वीर की एक झलक पाने के अपने अनुभव को कितना महत्व देते हैं।

(द कन्वरसेशन) सुभाष रंजन

रंजन


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