ट्रंप ने फेंटानिल को ‘सामूहिक विनाश का हथियार’ करार देने वाले कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए

ट्रंप ने फेंटानिल को ‘सामूहिक विनाश का हथियार’ करार देने वाले कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए

ट्रंप ने फेंटानिल को ‘सामूहिक विनाश का हथियार’ करार देने वाले कार्यकारी आदेश पर दस्तखत किए
Modified Date: December 16, 2025 / 03:25 pm IST
Published Date: December 16, 2025 3:25 pm IST

वाशिंगटन, 16 दिसंबर (एपी) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेंटानिल को “सामूहिक विनाश का हथियार” करार देने वाले कार्यकारी आदेश पर सोमवार को दस्तखत कर दिए।

ट्रंप ने ओवल ऑफिस (अमेरिका का राष्ट्रपति कार्यालय) में रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ, ज्वाइंट चीफ्स के चेयरमैन जनरल डैन केन, व्हाइट हाउस में सीमा से जुड़े मामलों के प्रमुख टॉम होमन और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में इस आदेश पर हस्ताक्षर किए।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन “फेंटानिल को आधिकारिक तौर पर सामूहिक विनाश के हथियार के रूप में वर्गीकृत कर रहा है, जो वास्तव में वही है। कोई भी बम वह काम नहीं कर सकता, जो यह (फेंटानिल) कर रहा है।”

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हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि नये कार्यकारी आदेश के अमल में आने के फेंटानिल की लत के शिकार लोगों और इसकी तस्करी में शामिल अपराधियों के लिए क्या मायने होंगे तथा इससे ट्रंप प्रशासन की नीति में क्या बदलाव आएगा।

सामूहिक विनाश के हथियार शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर परमाणु, जैविक, रासायनिक या साइबर खतरों के लिए किया जाता है, जो किसी आबादी, बुनियादी ढांचे या पर्यावरण को भारी एवं स्थायी नुकसान पहुंचाने में सक्षम होते हैं।

इराक पर अमेरिका के आक्रमण के बाद वाशिंगटन के सियासी गलियारों में इस शब्द पर जमकर बहस हुई है।

कार्यकारी आदेश में विदेश और वित्त विभाग को फेंटानिल की तस्करी में शामिल वित्तीय संस्थानों और समूहों पर प्रतिबंध लगाने तथा उनकी संपत्तियां जब्त करने का निर्देश दिया गया है। इसमें फेंटानिल सहित विभिन्न मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मुद्दों पर पेंटागन (अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय) और न्याय विभाग के बीच अधिक सहयोग का आह्वान भी किया गया है।

आदेश में गृह सुरक्षा मंत्री से उन खुफिया संसाधनों की मदद से “फेंटानिल की तस्करी में शामिल गिरोहों की पहचान करने” को कहा गया है, जिनका इस्तेमाल सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों का पता लगाने के लिए किया जाता रहा है।

इससे पहले, ट्रंप प्रशासन ने साल की शुरुआत में कुछ मादक पदार्थ तस्करी गिरोहों को आतंकवादी समूहों के रूप में नामित किया था। इस कदम से सशस्त्र बलों और घरेलू कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच अधिक समन्वय का मार्ग प्रशस्त हुआ था, लेकिन कानूनी विश्लेषकों ने इसके दायरे और वैधता पर सवाल उठाए हैं।

ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन गांजे को भी एक बार फिर कम खतरनाक मादक पदार्थ के रूप में वर्गीकृत करने पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा, “हम इस कदम पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि बहुत से लोग ऐसा चाहते हैं। हम इस पर बहुत गंभीरता से विचार कर रहे हैं।”

एपी पारुल नरेश

नरेश


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