ट्रंप ने यूएसएड के वित्तपोषण को रोककर अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया: न्यायाधीश

ट्रंप ने यूएसएड के वित्तपोषण को रोककर अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया: न्यायाधीश

ट्रंप ने यूएसएड के वित्तपोषण को रोककर अपने संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया: न्यायाधीश
Modified Date: March 11, 2025 / 10:36 pm IST
Published Date: March 11, 2025 10:36 pm IST

वाशिंगटन, 11 मार्च (एपी) अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने अपने एक फैसले में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में अमेरिकी मानवीय और विकास कार्यों पर होने वाले लगभग सभी खर्चों को रोककर अपने संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन अब उन अरबों डॉलर पर यूं ही नहीं बैठा रह सकता है, जिन्हें देश की संसद ने विदेशी सहायता के लिए आवंटित किया है।

हालांकि, न्यायाधीश आमिर एच. अली ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों को यह आदेश देने से परहेज किया कि वे इस धनराशि का उपयोग उन हजारों अनुबंधों को पुनर्जीवित करने में करें, जिन्हें उन्होंने विश्व भर में अमेरिकी सहायता और विकास कार्यों के लिए अचानक समाप्त कर दिया था।

न्यायाधीश का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को घोषणा की थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने छह दशक पुरानी अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएड) के कार्यक्रमों में से 83 प्रतिशत को खत्म कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह अपने मंत्रालय के तहत बाकी बचे कार्यक्रमों को ही आगे बढ़ाएंगे। रुबियो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिए यह जानकारी दी थी।

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ट्रंप ने 20 जनवरी को एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसमें विदेशी सहायता निधि को रोकने और विदेश में अमेरिकी सहायता एवं विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली अरबों डॉलर राशि की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया था। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि विदेशी सहायता का अधिकतर हिस्सा व्यर्थ है और यह उदारवादी एजेंडे को बढ़ावा देता है।

न्यायाधीश अली ने सोमवार को अपने प्रारंभिक आदेश में कहा कि ट्रंप, यूएसएआईडी और विदेश विभाग को संसद द्वारा दी गई विदेशी सहायता राशि के अधिकांश हिस्से को नजरअंदाज नहीं कर सकते, जो लगभग 60 अरब डॉलर है।

न्यायाधीश अली ने अपने फैसले में लिखा, ‘विदेशी सहायता को खर्च करने या न करने का संवैधानिक अधिकार राष्ट्रपति का नहीं है – बल्कि यह देश की संसद का है।’

हालांकि न्यायाधीश अली ने विश्व भर में विदेशी सहायता कार्य के लिए रद्द किए गए अनुबंधों को पुनर्जीवित करने के गैर-लाभकारी समूहों और व्यवसायों के अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि विशिष्ट अनुबंधों पर निर्णय लेना प्रशासन पर निर्भर है।

न्यायाधीश अली ने ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों को यह भी आदेश दिया कि वे सहायता समूहों और व्यवसायों को फरवरी के मध्य तक बकाया लगभग दो अरब डॉलर का भुगतान करें।

एपी अमित दिलीप

दिलीप


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