तुर्किये: एर्दोआन राष्ट्रपति पद के तीसरे कार्यकाल के लिए लेंगे शपथ, नये मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे
तुर्किये: एर्दोआन राष्ट्रपति पद के तीसरे कार्यकाल के लिए लेंगे शपथ, नये मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे
अंकारा, तीन जून (एपी) तुर्किये के लंबे समय से राष्ट्रपति रहे रजब तैयप एर्दोआन शनिवार को अपने तीसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ लेंगे।
उनके नये मंत्रिमंडल की घोषणा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है क्योंकि इससे यह संकेत मिलेगा कि देश में गैर रूढ़ीवादी आर्थिक नीतियां जारी रहेंगी, या कहीं अधिक पारंपरिक नीतियों की ओर लौटा जाएगा।
एर्दोआन (69) पिछले हफ्ते हुए राष्ट्रपति चुनाव में पांच वर्षों के नये कार्यकाल के लिए निर्वाचित हुए। इसके साथ ही, वह उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सदस्य देश में 20 वर्षों के अपने शासन को और पांच साल विस्तारित कर सकेंगे।
एर्दोआन, प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में रहने के बाद, 2003 से देश के राष्ट्रपति हैं।
तुर्किये की आबादी 8.5 करोड़ है। यह देश उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में सर्वाधिक संख्या में सैनिकों का योगदान देने वाले देशों में दूसरे स्थान पर है।
तुर्किये में लाखों की संख्या में शरणार्थी शरण लिये हुए हैं। साथ ही, इस देश ने यूक्रेन के अनाज की ढुलाई से संबद्ध समझौते में मध्यस्थता कर वैश्विक खाद्य संकट को टालने में एक बड़ी भूमिका निभाई थी।
एर्दोआन द्वारा संसद में पद की शपथ लेने का कार्यक्रम है। वह शनिवार को एक अलग कार्यक्रम में नये मंत्रिमंडल के सदस्यों की घोषणा करेंगे।
नाटो महासचिव जेंस स्टोल्टेन्बर्ग स्वीडन के पूर्व प्रधानमंत्री कार्ल बिल्द सहित दर्जनों विदेशी गणमान्य लोग समारोह में शामिल होने के लिए तुर्किये की यात्रा पर हैं।
सरकारी समाचार एजेंसी अनादोलु के मुताबिक, समारोह में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में अजरबैजान के इलहम अलीजेव, वेनेजुएला के निकोलस मादुरो, दक्षिण अफ्रीका के सिरील रामफोसा, पाकिस्तान के शहबाज शरीफ और लीबिया के अब्दुल हामिद दबैबा शामिल हैं।
बताया जाता है कि वे सैन्य गठबंधन में स्वीडन की सदस्यता के प्रति तुर्किये की आपत्तियों को हटाने के लिए एर्दोआन पर दबाव डालेंगे। नाटो की सदस्यता हासिल करने के लिए सभी सदस्य देशों के अनुमोदन की जरूरत पड़ती है।
तुर्किये ने स्वीडन पर कुर्द चरमपंथियों और अन्य आतंकी समूहों के प्रति काफी उदार रुख रखने का आरोप लगाया है।
नाटो चाहता है कि 11-12 जुलाई को लिथुआनिया में होने वाली नाटो के नेताओं की बैठक से पहले स्वीडन को सैन्य गठबंधन का सदस्य बना दिया जाए।
तुर्किये अत्यधिक महंगाई का सामना कर रहा है जो बीते महीने 44 प्रतिशत तक घटने से पहले पिछले साल 88 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गया था।
आलोचक, आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए ब्याज दरें घटाने की एर्दोआन की नीति को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।
इस बीच, मीडिया में आई अपुष्ट खबरों के मुताबिक, एर्दोआन की योजना पूर्व वित्त मंत्री एवं उप प्रधानमंत्री मेहमत सिमसेक को फिर से इस पद पर निुक्त करने की है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकाला जा सके।
एपी सुभाष माधव
माधव

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