पाकिस्तान में विवादास्पद संवैधानिक संशोधन के विरोध में दो न्यायाधीशों ने इस्तीफा दिया
पाकिस्तान में विवादास्पद संवैधानिक संशोधन के विरोध में दो न्यायाधीशों ने इस्तीफा दिया
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 13 नवंबर (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के दो वरिष्ठ न्यायाधीशों ने बृहस्पतिवार को एक नए संवैधानिक संशोधन के विरोध में इस्तीफा दे दिया। उनका आरोप है कि यह संविधान को कमजोर करता है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से समझौता करता है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी द्वारा विवादास्पद 27वें संविधान संशोधन को मंजूरी दिए जाने के कुछ ही घंटों बाद न्यायमूर्ति मंसूर अली शाह और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
संशोधित कानून के तहत, संविधान से संबंधित मामलों से निपटने के लिए एक संघीय संवैधानिक न्यायालय की स्थापना की जाएगी, जबकि मौजूदा उच्चतम न्यायालय केवल पारंपरिक दीवानी और आपराधिक मामलों से ही निपटेगा।
न्यायमूर्ति शाह ने अपने पत्र में इस संशोधन को ‘‘पाकिस्तान के संविधान पर गंभीर हमला’’ करार दिया, जो ‘‘पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय को विघटित करता है, न्यायपालिका को कार्यपालिका के नियंत्रण में रखता है, और हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के मूल पर प्रहार करता है।’’
न्यायमूर्ति मिनल्लाह ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि उन्होंने ‘‘संविधान की रक्षा करने की शपथ ली है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘27वें संशोधन के पारित होने से पहले, मैंने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि इसके प्रस्तावित प्रावधान हमारी संवैधानिक व्यवस्था के लिए क्या मायने रखते हैं… चुप्पी और निष्क्रियता के माहौल में, अब ये आशंकाएं सच साबित हो रही हैं।’’
मिनल्लाह ने कहा कि उन्होंने जिस संविधान की रक्षा की शपथ ली थी, वह ‘‘अब नहीं रहा।’’
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश

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