पाकिस्तान में चर्च, ईसाइयों के घरों पर हमलों में शामिल दो मुख्य संदिग्ध गिरफ्तार
पाकिस्तान में चर्च, ईसाइयों के घरों पर हमलों में शामिल दो मुख्य संदिग्ध गिरफ्तार
लाहौर, 18 अगस्त (भाषा) पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि पुलिस ने ईशनिंदा के आरोप में 21 चर्च और अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय के लगभग तीन दर्जन घरों पर अभूतपूर्व हमलों में शामिल दो प्रमुख संदिग्धों को गिरफ्तार किया है।
नकवी ने पंजाब के मुख्य सचिव और पुलिस महानिरीक्षक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दोनों ने प्रमुख संदिग्धों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
पंजाब की प्रांतीय राजधानी लाहौर से 130 किलोमीटर दूर फैसलाबाद जिले के जरांवला शहर में बुधवार को ईशनिंदा के आरोप में गुस्साई भीड़ ने 21 चर्च और ईसाइयों के 35 घरों में तोड़फोड़ की और आगजनी की।
नकवी ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर किये गए एक पोस्ट में लिखा, ‘‘जरांवला घटना में एक बड़ी सफलता-दोनों आरोपी सीटीडी की हिरासत में हैं।’’
उन्होंने शुक्रवार को किये एक अन्य पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मस्जिदों में शुक्रवार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उपदेश दिए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘आज पूरे पंजाब में शुक्रवार के उपदेश अल्पसंख्यकों के अधिकारों, पवित्र कुरान और पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं पर केंद्रित होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘चुनौतीपूर्ण समय के बीच, आइए इस बात पर जोर दें कि ऐसी घटनाओं को धर्म का रंग नहीं दिया जाना चाहिए। अंतर-धार्मिक सद्भाव इस्लाम की बुनियादी शिक्षाओं में से एक है। हमारे देश की शांति को बाधित करने की कोशिश करने वालों को बेनकाब करने में उनके धैर्य और समर्थन के लिए धार्मिक विद्वानों का आभारी हूं।’
हिंसा भड़कने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को पंजाब पुलिस ने कम से कम 140 लोगों को गिरफ्तार किया और पांच मामले दर्ज किए।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों में मुख्य संदिग्ध मोहम्मद यासीन भी शामिल है, जिसकी पहचान एक वीडियो के माध्यम से की गई थी जिसमें उसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ मुसलमानों को भड़काने के लिए मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर घोषणा करते देखा गया था।
हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए लोगों में चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्य भी शामिल थे।
जरांवला की घटना की व्यापक निंदा हुई, देश के नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने उन लोगों के लिए न्याय की मांग की, जिनके घरों और उपासना स्थलों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें नष्ट कर दिया गया।
सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने बृहस्पतिवार को इस घटना को ‘बेहद दुखद और पूरी तरह से असहनीय’ करार दिया और वादा किया कि हमलों में शामिल अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा।
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने उनके हवाले से कहा, ‘समाज के किसी भी वर्ग द्वारा किसी के खिलाफ, खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ असहिष्णुता और चरम व्यवहार की ऐसी घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं है।’
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा कि उनका देश पाकिस्तान में कुरान के अपमान की खबर के जवाब में चर्च और घरों को निशाना बनाए जाने से ‘बहुत चिंतित’ है। उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तानी अधिकारियों से इन आरोपों की पूरी जांच करने और शांति बनाए रखने का आग्रह करते हैं।’
‘डॉन’ समाचारपत्र की खबर के अनुसार, पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) के अध्यक्ष हाफिज ताहिर अशरफी ने जरांवला हिंसा के लिए माफी मांगी और ‘अपने ईसाई भाइयों’ की रक्षा करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम शर्मिंदा हैं। हम एक बड़े भाई के रूप में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे… हम माफी चाहते हैं।’’
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने बयान में मांग की है कि ‘अधिकारियों को अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।’’
एमनेस्टी इंटरनेशनल में दक्षिण एशिया के अंतरिम क्षेत्रीय शोधकर्ता रिहाब महमूर ने कहा कि अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि चर्च और घरों पर आगजनी और हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।
पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां इस्लाम का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है।
सेंटर फॉर सोशल जस्टिस (सीएसजे) के अनुसार, 16 अगस्त, 2023 तक लगभग 198 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है, जिनमें से 85 प्रतिशत मुस्लिम, नौ प्रतिशत अहमदी और 4.4 प्रतिशत ईसाई हैं।
भाषा अमित प्रशांत
प्रशांत

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