रूस के दावे वाले इलाके, नाटो में शामिल होने की योजना छोड़े यूक्रेन तभी संघर्ष विराम होगा: पुतिन |

रूस के दावे वाले इलाके, नाटो में शामिल होने की योजना छोड़े यूक्रेन तभी संघर्ष विराम होगा: पुतिन

रूस के दावे वाले इलाके, नाटो में शामिल होने की योजना छोड़े यूक्रेन तभी संघर्ष विराम होगा: पुतिन

:   Modified Date:  June 14, 2024 / 10:23 PM IST, Published Date : June 14, 2024/10:23 pm IST

मॉस्को, 14 जून (एपी) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को वादा किया कि 2022 में उसके भू-भाग में मिलाये गए चार क्षेत्रों से यदि यूक्रेन अपने सैनिकों को हटाना शुरू कर देता है और नाटो में शामिल होने की योजना छोड़ देता है तो वह ‘‘तुरंत’’ संघर्ष विराम का आदेश देंगे और बातचीत शुरू करेंगे। लेकिन यूक्रेन ने पुतिन के इस प्रस्ताव को ‘‘बेतुका’’ करार दिया है।

रूसी राष्ट्रपति का बयान ऐसे समय आया है जब जी-7 के सदस्य देशों समेत कई वैश्विक नेता इटली में जुटे हैं और यूक्रेन में शांति कायम करने के प्रयासों के तहत स्विट्जरलैंड इस सप्ताहांत में कई वैश्विक नेताओं के सम्मेलन की मेजबानी करने वाला है, जिसमें रूस शामिल नहीं होगा।

कीव के लिए पुतिन का प्रस्ताव अनुपयोगी ही लगता है क्योंकि वह नाटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना चाहता है। वहीं, यूक्रेन ने यह मांग भी की है कि रूस उसके सभी क्षेत्रों से अपने सैनिक हटा ले।

पुतिन ने मॉस्को में रूस के विदेश मंत्रालय में कहा, ‘‘हम ऐसा तुरंत कर देंगे।’’

पुतिन ने कहा कि उनके प्रस्ताव का उद्देश्य यूक्रेन में संघर्ष का ठोस समाधान निकालना है। उन्होंने कहा कि रूस बिना देरी किये बातचीत शुरू करने को तैयार है।

रूसी राष्ट्रपति ने शांति के लिए जो व्यापक मांग पत्र तैयार किया है उसमें यूक्रेन का गैर-परमाणु देश का दर्जा, उसके सैन्य बलों पर पाबंदियां और यूक्रेन में रूसी भाषी लोगों के हितों की रक्षा करना शामिल हैं।

पुतिन ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी शर्तें स्पष्ट रूप से रखी हैं, लेकिन इसमें कोई नई मांग शामिल नहीं है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने पहले भी कहा है कि कीव को अपने क्षेत्रीय फायदे नुकसान को समझना चाहिए और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल होने की अपनी कोशिश छोड़ देनी चाहिए।

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने पुतिन की योजना को ‘‘बेतुका’’ करार देते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने, न्यायपूर्ण शांति प्राप्त करने के उद्देश्य से किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों को कमजोर करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लक्ष्यों और सिद्धांतों के इर्द-गिर्द विश्व के अधिकांश देशों की एकता को विभाजित करने के लिए बनाई गई है।

नाटो में शामिल होने के अलावा, यूक्रेन यह भी चाहता है कि रूसी सेनाएं उसके क्षेत्र से बाहर हो जाएं, जिसमें क्रीमिया प्रायद्वीप भी शामिल है, जिस पर 2014 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। यूक्रेन अपनी क्षेत्रीय अखंडता बहाल किया जाना और रूस को युद्ध अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराया जाने तथा मास्को द्वारा कीव को क्षतिपूर्ति का भुगतान भी चाहता है।

रूस का उन चार क्षेत्रों में से किसी पर भी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं है, जिन्हें उसने 2022 में अवैध रूप से अपने भू-भाग में मिला लिया था, लेकिन पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन को इन क्षेत्रों से पूरी तरह से हट जाना चाहिए और मास्को को सौंप देना चाहिए।

दक्षिण-पूर्व में जापोरिजिया में, रूस का अब भी 7,00,000 लोगों की आबादी वाले क्षेत्र की प्रशासनिक राजधानी पर नियंत्रण नहीं है, और पड़ोसी खेरसॉन क्षेत्र में, मास्को ने नवंबर 2022 में इसके सबसे बड़े शहर और इसी नाम की राजधानी से अपने सैनिक हटा लिये थे।

एपी सुभाष संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)