संयुक्त राष्ट्र न्यायालय ने इजराइल की गाजा नाकाबंदी पर सुनवाई शुरू की, विदेश मंत्री ने निंदा की |

संयुक्त राष्ट्र न्यायालय ने इजराइल की गाजा नाकाबंदी पर सुनवाई शुरू की, विदेश मंत्री ने निंदा की

संयुक्त राष्ट्र न्यायालय ने इजराइल की गाजा नाकाबंदी पर सुनवाई शुरू की, विदेश मंत्री ने निंदा की

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Modified Date: April 28, 2025 / 03:43 PM IST
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Published Date: April 28, 2025 3:43 pm IST

हेग (नीदरलैंड), 28 अप्रैल (एपी) संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्रों में फलस्तीनी नागरिकों को तत्काल आवश्यक मानवीय सहायता ‘‘सुनिश्चित करने और सुविधा प्रदान करने’’ के दायित्व पर सोमवार को सुनवाई शुरू की, जिससे गाजा में जारी संघर्ष एक बार फिर से हेग में चर्चा के केंद्र में आ गया।

इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने विश्व न्यायालय में इस सुनवाई को उनके देश के ‘‘व्यवस्थित उत्पीड़न और उसके खिलाफ अवैधीकरण’’ का हिस्सा बताया है।

हेग में सुनवाई शुरू होने पर यरुशलम में सार ने कहा कि अदालत ‘‘पूरी तरह से राजनीतिक रूप से प्रेरित होकर काम कर रही है।’’ उन्होंने कार्यवाही को ‘‘शर्मनाक’’ बताया।

पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के अनुरोध पर एक सप्ताह की सुनवाई निर्धारित की गई है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय न्यायालय से इजराइल की कानूनी जिम्मेदारियों पर विचार करने का अनुरोध किया गया था क्योंकि देश ने फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को अपने क्षेत्र में काम करने से रोक दिया था।

नॉर्वे द्वारा प्रायोजित एक प्रस्ताव में महासभा ने अदालत से सलाहकार की राय, एक गैर-बाध्यकारी लेकिन कानूनी रूप से महत्वपूर्ण निर्णय का अनुरोध किया। प्रस्ताव में कब्जे वाले क्षेत्रों में ‘‘फलस्तीनी नागरिकों की आबादी के अस्तित्व के लिए आवश्यक सामग्री की तत्काल निर्बाध आपूर्ति के प्रावधान को सुनिश्चित एवं सुविधाजनक बनाने के लिए’’ इजराइल के दायित्वों पर निर्णय का अनुरोध किया गया था।

फलस्तीन के एक राजनयिक ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत से कहा कि इजराइल गाजा पट्टी में “मानव निर्मित एक अभूतपूर्व आपदा” में निर्दोष नागरिकों की हत्या कर रहा है, उन्हें विस्थापित कर रहा है और राहत कर्मियों को निशाना बना रहा है।

फलस्तीन के राजदूत अम्मार हिजाजी ने इजराइल के कब्जे वाले क्षेत्रों में मदद एवं राहत प्रदान करने के कानूनी दायित्वों के सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में एक हफ्ते की सुनवाई की शुरुआत में यह टिप्पणी की।

इजराइल ने गाजा पट्टी में नागरिकों और सहायता कर्मियों को जानबूझकर निशाना बनाने से इनकार किया है।

इजराइल ने दो मार्च से खाद्य, ईंधन, दवा और अन्य मानवीय आपूर्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है। इजराइल ने 18 मार्च को युद्ध विराम को तोड़ते हुए फिर से बमबारी शुरू कर दी और क्षेत्र के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।

इजराइल का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य हमास को और अधिक बंधकों को रिहा करने के लिए मजबूर करना है। इजराइली दबाव में वृद्धि के बावजूद युद्ध विराम के प्रयास में गतिरोध बना हुआ है।

विश्व खाद्य कार्यक्रम ने पिछले सप्ताह कहा कि इजराइल में लगभग आठ सप्ताह से नाकाबंदी जारी है और गाजा पट्टी में पूर्व में आपूर्ति किए गए उसके खाद्य भंडार अब खत्म होने वाले हैं, जिससे क्षेत्र में हजारों फलस्तीनियों के लिए जीविका का मुख्य स्रोत समाप्त हो गया है। कई परिवार अपने बच्चों को खिलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

सोमवार को न्यायालय में सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र अपना पक्ष रखेगा, उसके बाद फलस्तीनी प्रतिनिधि अपना पक्ष रखेंगे। कुल 40 देश और चार अंतरराष्ट्रीय संगठन सुनवाई में भाग लेने वाले हैं। सुनवाई के दौरान इजराइल के इसमें हिस्सा लेने का कार्यक्रम नहीं है, लेकिन वह लिखित बयान प्रस्तुत कर सकता है। इजराइल के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब नहीं दिया।

संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ़ मतदान करने वाला अमेरिका बुधवार को अपनी दलीलें पेश करेगा।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को अपना फैसला सुनाने में महीनों लग सकते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, लेकिन इसका अंतरराष्ट्रीय न्यायशास्त्र, इजराइल को दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय सहायता एवं जनमत पर गहरा असर पड़ सकता है।

एपी सुरभि प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)