अमेरिकी प्रशासन ने भारत-पाकिस्तान के बीच कराया ऐतिहासिक संघर्षविराम : ट्रंप ने सऊदी अरब में कहा

अमेरिकी प्रशासन ने भारत-पाकिस्तान के बीच कराया ऐतिहासिक संघर्षविराम : ट्रंप ने सऊदी अरब में कहा

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Modified Date: May 13, 2025 / 10:51 PM IST
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Published Date: May 13, 2025 10:51 pm IST

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क, 13 मई (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक बार फिर दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए ‘‘सफलतापूर्वक ऐतिहासिक संघर्षविराम’’ कराया।

ट्रंप ने रियाद में सऊदी-अमेरिका निवेश फोरम को संबोधित करते हुए कहा, “जैसा कि मैंने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा था, मेरी सबसे बड़ी उम्मीद शांतिदूत बनना और एकता लाना है। मुझे युद्ध पसंद नहीं है। वैसे, हमारे पास दुनिया के इतिहास की सबसे बड़ी सेना है।”

उन्होंने दावा किया, “कुछ ही दिन पहले, मेरे प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती हिंसा को रोकने के लिए ऐतिहासिक संघर्षविराम को सफलतापूर्वक करवाया।”

ट्रंप, खाड़ी क्षेत्र की अपनी चार दिवसीय यात्रा के पहले चरण में सऊदी अरब में हैं।

उन्होंने कहा, “और मैंने ऐसा करने के लिए काफी हद तक व्यापार का इस्तेमाल किया। और मैंने कहा कि साथियो, चलो। चलो एक सौदा करते हैं। चलो कुछ व्यापार करते हैं।”

ट्रंप के इस संबोधन के दौरान वहां मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाईं।

इस दौरान अरबपति एलन मस्क भी मौजूद थे।

सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने भी इसकी सराहना की।

ट्रंप ने कहा, “आइए, परमाणु मिसाइलों का व्यापार न करें। आइए, उन चीजों का व्यापार करें, जिन्हें आप इतनी खूबसूरती से बनाते हैं। और दोनों के पास बहुत शक्तिशाली नेता, बहुत मजबूत नेता, अच्छे नेता, स्मार्ट नेता हैं। और यह सब रुक गया। उम्मीद है कि यह ऐसे ही रहेगा, लेकिन यह सब रुक गया।”

उन्होंने कहा कि उन्हें विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उन सभी लोगों पर बहुत गर्व है, जिन्होंने इतनी मेहनत की।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा, “मार्को, खड़े हो जाइए। तुमने बहुत बढ़िया काम किया। धन्यवाद। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, मार्को, पूरे समूह ने तुम्हारे साथ काम किया, लेकिन यह बहुत बढ़िया काम है और मुझे लगता है कि वे (भारत और पाकिस्तान) वास्तव में साथ मिल रहे हैं।’’

ट्रंप ने एक दिन पहले दावा किया था कि उनके प्रशासन ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘परमाणु संघर्ष’ को रोक दिया तथा दक्षिण एशियाई पड़ोसियों से कहा कि अगर वे शत्रुता समाप्त कर दें तो अमेरिका उनके साथ ‘बहुत सारा व्यापार’ करेगा।

भाषा जितेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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