ऑनलाइन हिंसक चरमपंथ को रोकने के खिलाफ वैश्विक पहल का हिस्सा बना अमेरिका

ऑनलाइन हिंसक चरमपंथ को रोकने के खिलाफ वैश्विक पहल का हिस्सा बना अमेरिका

ऑनलाइन हिंसक चरमपंथ को रोकने के खिलाफ वैश्विक पहल का हिस्सा बना अमेरिका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: May 15, 2021 4:54 am IST

वेलिंगटन, 15 मई (एपी) फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों और दुनियाभर में प्रौद्योगिकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों और सरकारों के अन्य नेताओं समेत पहली बार अमेरिका शनिवार को वर्चुअल रूप से एकत्रित हुआ जिससे चरमपंथी हिंसा के ऑनलाइन प्रसार को रोकने के बेहतर तरीके तलाश किए जा सकें।

न्यूजीलैंड में श्वेत वर्चस्व की विचारधारा रखने वाले एक व्यक्ति द्वारा 51 मुस्लिम श्रद्धालुओं की हत्या को फेसबुक पर लाइव स्ट्रीमिंग करने के दो साल बाद मैक्रों ने कहा कि आतंकवादी नफरत फैलाने के हथियार के तौर पर लगातार इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

अपने-अपने देशों में जानलेवा हमलों के बाद मैक्रों और न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इस वैश्विक पहल की शुरुआत की।

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‘क्राइस्टचर्च कॉल’ नाम की इस पहल में इस साल पहली बार अमेरिकी सरकार और चार अन्य देश शामिल हुए। इसमें गूगल, फेसबुक, टि्वटर और अमेजन समेत 50 से अधिक देशों की प्रौद्योगिकी कंपनियां शामिल हैं और इसका नाम न्यूजीलैंड के एक शहर के नाम पर रखा गया है जहां दो मस्जिदों में लोगों की बेरहमी से हत्याएं की गई थीं।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने एक वीडियो में कहा कि अकेले उनके देश में इंटरनेट से पिछले एक दशक में 300,000 से अधिक आतंकवादी सामग्री हटाई गई जिसे उन्होंने नफरत की सुनामी बताया।

अर्डर्न ने कहा कि इस पहल की शुरुआत के बाद से सरकारों और प्रौद्योगिकी कंपनियों ने हिंसक चरमपंथी सामग्री ऑनलाइन चिन्हित करने के कुछ मामलों में सहयोग किया है।

उन्होंने कहा, हालांकि अमेरिका इस साल क्राइस्टचर्च कॉल में केवल आधिकारिक रूप से शामिल हुआ है लेकिन वह इस प्रयास में लगातार योगदान दे रहा है।

मैक्रों ने कहा कि अमेरिका, वियना, जर्मनी और अन्य जगहों पर हाल ही में हुए हमलों में इंटरनेट का एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया।

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा, ‘‘लोगों को कट्टर बनाने और आतंकवादी संगठनों में भर्ती करने के लिए आतंकवादियों तथा हिंसक चरमपंथियों द्वारा इंटरनेट के इस्तेमाल को रोकना अमेरिका की अहम प्राथमिकता है।’’

एपी

गोला प्रशांत

प्रशांत


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