(दरयूश हबीबी एवं यासिर अराफात, एडिथ कोवान विश्वविद्यालय)
जूनडलूप, 28 अप्रैल (द कन्वरसेशन) दुनिया भर में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पिछले वर्ष 1.70 करोड़ से ज्यादा बैटरी-इलेक्ट्रिक और ‘हाइब्रिड’ वाहन बेचे गए। शुरुआती पूर्वानुमानों से पता चला कि इस वर्ष का आंकड़ा दो करोड़ तक पहुंच सकता है।
वर्तमान में बिकने वाली सभी कारों में से लगभग 20 प्रतिशत गाड़ियां इलेक्ट्रिक हैं।
लेकिन जैसे-जैसे लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प चुन रहे हैं, उससे एक नई चुनौती सामने आ रही है कि जब ये विशाल बैटरियां अपनी अवधि पूरी कर लेंगी तो उनका क्या किया जाएगा।
एक बैटरी की अवधि औसतन 12 से 15 वर्ष होती है, हालांकि वास्तविक आकंड़े से पता चलता है कि यह 40 प्रतिशत ज्यादा भी हो सकता है।
एक ईवी बैटरी का औसत वजन लगभग 450 किलोग्राम होता है।
ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2030 तक लगभग 30,000 टन ईवी बैटरियों को निपटान या पुनर्चक्रण की आवश्यकता होगी और वर्ष 2040 तक यह आंकड़ा 360,000 टन और 2050 तक 16 लाख टन होने का अनुमान है।
क्या यह कोई समस्या है? जरूरी नहीं।
जब किसी वाहन में लगी बैटरी अपनी अवधि पूरी कर लेती है, तब भी उसमें बहुत सारी काम की चीजें रह जाती हैं। अगर इस बैटरी में मौजूद सभी चीजों का इस्तेमाल किया जाए तो ये छोटे-छोटे वाहनों, घरों और यहां तक कि एक शहर को भी बिजली दे सकते हैं।
हालांकि, इसे काम में लाने के लिए हमें बेहतर जानकारी की आवश्यकता है। ये बैटरियां कितने हद तक ठीक हैं? वे किस चीज से बनी हैं? क्या इनमें कभी खराबी आई है?
वर्तमान में, इन सवालों के जवाब मिलना मुश्किल है लेकिन इसे बदलने की जरूरत है।
संभावनाएं अपार लेकिन वास्तविकता चुनौतीपूर्ण
पुरानी ईवी बैटरियों में अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसे काम में लाना आसान नहीं होगा।
ऐसा इसलिए क्योंकि बैटरी के काम करने की क्षमता कितनी तेजी से खराब हो रही है और बैटरी की वर्तमान स्थिति यानी की अब इसकी क्षमता कितनी है और नई होने पर इसकी क्षमता कितनी थी, को लेकर सटीक आंकड़े प्राप्त करना कठिन होता है। दुर्भाग्य से वाहन निर्माता अक्सर इस महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच प्राप्त करना मुश्किल बना देते हैं और एक बार बैटरी हटाए जाने के बाद, इसकी विशिष्ट जानकारी तक पहुंच मुश्किल हो सकती है।
इसमें वास्तविक जोखिम भी शामिल हैं।
अगर बैटरी में कोई खराबी है या बैटरी बहुत खराब हो गई है, तो उसे खोलने या अन्य किसी चीज के लिए इस्तेमाल करने पर आग लग सकती है।
बिना जानकारी के इसका पुन: इस्तेमाल करना हवा में तीर मारने जैसा है। ईवी बैटरियों का पुनः उपयोग तभी आर्थिक रूप से व्यवहार्य होगा जब शेष क्षमता और इसके काम की क्षमता के अनुमानों में पर्याप्त विश्वास हो।
ठोस जानकारी के बिना, निवेशक और कंपनियां वित्तीय जोखिमों के कारण इन बैटरियों के दोबारा इस्तेमाल को लेकर बाजार में उतरने से हिचकिचा सकती हैं।
बैटरी से खनिज निकालना
ईवी बैटरियां निकेल, कोबाल्ट, लिथियम और मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण खनिजों से भरी होती हैं।
ईवी बैटरी में मौजूद लगभग हर चीज का 95 प्रतिशत पुनर्चक्रण किया जा सकता है।
हालांकि यह उतना आसान नहीं है जितना की दिखाई देता है।
निर्माता बैटरी की कार्य क्षमता और सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर इन्हें तैयार करते हैं, जिसमें पुनर्चक्रण की क्षमता का ध्यान अक्सर बाद में रखा जाता है।
ईवी बैटरियों में लिथियम आयरन फॉस्फेट, निकल, मैंगनीज, कोबाल्ट जैसे रसायन होते हैं लेकिन यह महत्वपूर्ण जानकारी अक्सर इसके लेबल पर नहीं छपी होती।
बैटरी की क्षमता का आकलन करने के बेहतर तरीके
उपयोग की गई इवी बैटरियों की स्थिति इन तीन आधार पर आंकी जा सकती है: उच्च (मूल क्षमता का 80 प्रतिशत या अधिक): इन बैटरियों को इलेक्ट्रिक कार, मोपेड, साइकिल और ‘गोल्फ कार्ट’ जैसे वाहनों में पुनः उपयोग के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। कुछ को छोटे वाहनों के अनुरूप आकार दिया जा सकता है।
मध्यम (60 से 80 फीसदी): इन बैटरियों को स्थिर बिजली भंडारण या निर्बाध बिजली आपूर्ति जैसे अलग-अलग अनुप्रयोगों के लिए पुनः उपयोग किया जा सकता है।
कम (60 फीसदी से कम): इन बैटरियों से मूल्यवान खनिजों को निकालने के लिए कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, जिनका उपयोग नई बैटरियां बनाने के लिए किया जा सकता है।
क्या दांव पर है?
ईवी बैटरी अपने आप में एक उल्लेखनीय चीज है। लेकिन ये सब लंबी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर निर्भर है और इनमें महत्वपूर्ण खनिज होते हैं और इनके निर्माण से प्रदूषण व कार्बन उत्सर्जन हो सकता है।
आदर्श रूप से एक ईवी बैटरी का पुनर्चक्रण करने से पहले ही उसका इस्तेमाल खत्म हो जाना चाहिए।
इन बैटरियों को फिर से इस्तेमाल करने से नई बैटरियों की जरूरत कम हो जाएगी।
अभी, कंपनियों और लोगों के पास प्रत्येक बैटरी की क्षमता की जानकारी जुटा पाना मुश्किल है। इसका मतलब है कि बैटरी की स्थिति और उसकी बची उपयोगी अवधि का आकलन करना बहुत कठिन व महंगा है।
नतीजतन, ज्यादा बैटरियों को फेंक दिया जा रहा है या उन्हें बहुत जल्दी पुनर्चक्रण करने के लिए भेजा जा रहा है।
ईवी बैटरियों का पुनर्चक्रण करना एक अच्छी व परिभाषित प्रक्रिया है लेकिन इसके लिए गहन ऊर्जा और रासायनिक उपचार की आवश्यकता होती है।
द कन्वरसेशन जितेंद्र माधव
माधव
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)