मशहूर निर्देशक का निधन, सिनेजगत में क्रांतिक्रारी बदलाव लाने के लिए हुए थे मशहूर

सन् 1960 के दशक में अपनी पहली फिल्म ‘ब्रेथलेस’ से लोकप्रिय सिनेजगत में क्रांतिक्रारी बदलाव लाने मशहूर फ्रांसिसी निर्देशक जीन ल्यूक गोडार्ड का निधन हो गया। वह 91 साल के थे।

मशहूर निर्देशक का निधन, सिनेजगत में क्रांतिक्रारी बदलाव लाने के लिए हुए थे मशहूर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: September 13, 2022 4:40 pm IST

Veteran director Jean-Luc Goddard passes away: पेरिस, 13 सितंबर। सन् 1960 के दशक में अपनी पहली फिल्म ‘ब्रेथलेस’ से लोकप्रिय सिनेजगत में क्रांतिक्रारी बदलाव लाने मशहूर फ्रांसिसी निर्देशक जीन ल्यूक गोडार्ड का निधन हो गया। वह 91 साल के थे।

कई मीडिया संगठनों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें मंगलवार को गोडार्ड के रिश्तेदारों से उनके निधन की खबर मिली।

सन् 1950 के दशक में फिल्म समीक्षक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने वाले गोडार्ड ने लीक से हटकर सिने जगत में एक युग की शुरूआत की । उन्होंने कैमरा, ध्वनि एवं कथात्मकता के नए नियम गढ़े।

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उनकी फिल्मों से जीन पॉल बेलमोंडों स्टार बने । उनकी विवादास्पद फिल्म ‘हेली मैरी’ तब सुर्खियों में आ गयी जब पोप जॉन पॉल द्वितीय ने 1985 में उसकी निंदा की।

गोडार्ड ने कई ऐसी फिल्में बनायीं जो राजनीतिक रूप से संवेदनशील एवं प्रायोगिक थीं । उन फिल्मों से उनके प्रशंसकों के एक छोटे समूह से बाहर बहुत कम लोग ही खुश होते थे। कई समीक्षकों को उनकी अति बौद्धिकता रास नहीं आयी।

कांस फिल्मोत्सव के निदेशक थी फ्रीमॉक्स ने मंगलवार को एपी से कहा कि गोडार्ड के निधन की खबर सुनकर वह ‘बहुत, बहुत उदास’ हैं।

उनकी फिल्में ‘‘माई लाईफ टू लिव’’, ‘‘अल्फाविले’’, ‘क्रेजी पीट’’ ‘द लिटल सोल्जर’’ आदि है। बाद में उनकी वामपंथी राजनीतिक दृष्टिकोण से समझौता नहीं करने वाले शख्स के रूप में पहचान बनी।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com