डाउनिंग स्ट्रीट पर हम अपनी विरासत प्रदर्शित करने में नहीं शर्माए : अक्षता मूर्ति

डाउनिंग स्ट्रीट पर हम अपनी विरासत प्रदर्शित करने में नहीं शर्माए : अक्षता मूर्ति

डाउनिंग स्ट्रीट पर हम अपनी विरासत प्रदर्शित करने में नहीं शर्माए : अक्षता मूर्ति
Modified Date: November 24, 2025 / 09:21 pm IST
Published Date: November 24, 2025 9:21 pm IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, 24 नवंबर (भाषा) ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी और व्यवसायी अक्षता मूर्ति ने डाउनिंग स्ट्रीट (प्रधानमंत्री निवास) में बिताए पलों को साझा करते हुए बताया कि लंदन में रहने के बावजूद पारिवारिक विरासत से जुड़े रहने में भारतीय विद्या भवन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सुनक भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री थे।

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मूर्ति पिछले दिनों ‘भवन यूके’ के एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। अपने संबोधन में उन्होंने दुनिया के सबसे प्रसिद्ध आवासों में से एक 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर दीये जलाने और 2020 से 2024 के बीच चांसलर और फिर प्रधानमंत्री के रूप में सुनक के कार्यकाल के दौरान रसोई में रसम पकाने के अनुभवों को साझा किया।

इस कार्यक्रम में उनके साथ उनके पिता और इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति तथा सास-ससुर यश और उषा सुनक भी मौजूद थे।

अक्षता मूर्ति ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किसी के आत्मविश्वास की असली परीक्षा यह है कि क्या हम दूसरों के सामने खुद को पूरी तरह से और सहजता से व्यक्त कर सकते हैं? क्या हम अपनी संस्कृति पर गर्व कर सकते हैं, क्या हम इसे अपना सकते हैं, क्या हम इसे बिना किसी डर या पूर्वाग्रह के प्रकट कर सकते हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें विश्व के सबसे अधिक चर्चित स्थलों में से एक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जब मेरे पति प्रधानमंत्री थे। वहां हमें अपनी संस्कृति और स्वरूप की मौलिकता बनाए रखते हुए अपनी परंपराओं और मूल्यों का खुलेआम जश्न मनाने का अवसर मिला।’’

मूर्ति ने बताया, ‘‘चाहे पहली बार घर के सामने दीये जलाना हो, नंबर 11 (ब्रिटेन के चांसलर का निवास) के बाहर रंगोली बनाना हो, या फिर नंबर 10 के फ्लैट में ऊपर की मंजिल पर रसम बनाना हो, हमने कभी भी अपनी विरासत को प्रकट करने में झिझक नहीं महसूस किया, कभी अपनी पहचान नहीं छिपायी।’’

मूर्ति ( 45) ने लंदन स्थित भवन की ‘‘शांत और सतत उपस्थिति’ की सराहना की, जो उनकी मां सुधा मूर्ति द्वारा समर्थित संस्थान है।

उन्होंने कहा, ‘‘हममें से बहुत से लोग अपनी मातृभूमि से दूर रहते हैं… अपनी जड़ों, अपनी मां और अपने घर से गहरे जुड़ाव की चाहत रखते हैं। मेरे लिए, भवन यही दर्शाता है। यह हमारी विरासत से जुड़ने का एक सेतु, सुकून और अपनेपन का स्रोत है।’’

प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और कार्यकारी निदेशक डॉ. एम एन नंदकुमार के नेतृत्व में, लंदन स्थित भवन भारतीय कला, संगीत, नृत्य, योग और भाषाओं में उत्कृष्ट केंद्र के रूप में कार्य करता है। यह 23 विभिन्न विषय क्षेत्रों में 120 से अधिक कक्षाएं संचालित करता है और पूरे ब्रिटेन से 750 से अधिक छात्र इसका लाभ ले रहे हैं।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश


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