डब्ल्यूएफपी ने वित्त पोषण में कटौती से करोड़ों लोगों के भुखमरी की चपेट में आने की चेतावनी दी
डब्ल्यूएफपी ने वित्त पोषण में कटौती से करोड़ों लोगों के भुखमरी की चपेट में आने की चेतावनी दी
जिनेवा, 15 अक्टूबर (एपी) संयुक्त राष्ट्र की खाद्य सहायता एजेंसी ने बुधवार को कहा कि उसके प्रमुख दानदाताओं द्वारा वित्त पोषण में की गयी कटौती से छह देशों में उसकी गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और उसने चेतावनी दी कि इससे करीब 1.4 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच सकते हैं।
परंपरागत रूप से संयुक्त राष्ट्र की सबसे अधिक वित्तपोषित एजेंसी रही विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष उसका वित्त पोषण ‘‘अब तक की सबसे बड़ी चुनौती’’ का सामना कर रहा है और इसका मुख्य कारण अमेरिका (डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के तहत) तथा अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों द्वारा अनुदान में की गई भारी कटौती है।
एजेंसी ने चेतावनी दी कि उसकी खाद्य सहायता प्राप्त करने वाले 1.37 करोड़ लोगों को अब आपात स्तर की भुखमरी का सामना करना पड़ सकता है। जिन देशों में “मुख्य व्यवधान” देखने को मिल रहे हैं, वे अफगानिस्तान, कांगो, हैती, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सूडान हैं।
एजेंसी की कार्यकारी निदेशक सिंडी मैककेन ने कहा, ‘‘हम लाखों लोगों की जीवनरेखा को अपनी आंखों के सामने टूटते हुए देख रहे हैं।’’
डब्ल्यूएफपी ने बताया कि इस साल उसे 40 प्रतिशत कम वित्त पोषण मिलने की आशंका है जिससे उसका अनुमानित बजट 10 अरब डॉलर से घटकर 6.4 अरब डॉलर रह जाएगा।
मैक्केन ने कहा, ‘यह सिर्फ़ धन की कमी नहीं है – यह एक वास्तविक अंतर है कि हमें क्या करना चाहिए और हम क्या कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमें भुखमरी के ख़िलाफ़ लड़ाई में दशकों की प्रगति खोने का ख़तरा है।’
रोम स्थित एजेंसी का कहना है कि वैश्विक भुखमरी पहले ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, जहां 31.9 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं—जिनमें से 4.4 करोड़ लोग आपातकालीन स्तर पर हैं। गाजा और सूडान में अकाल पड़ गया है।
एजेंसी ने कहा कि अफगानिस्तान में खाद्य सहायता उन 10% से भी कम लोगों तक पहुंच रही है, और ये खाद्य स्तर पर असुरक्षित हैं – इसका मतलब यह है कि उन्हें यह नहीं पता कि उनका अगला भोजन कहां से आएगा।
एपी गोला पवनेश
पवनेश

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