‘‘जब भारतीय प्रधानमंत्री एवं अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि नूयी तो हमारी तरफ से हैं’’ |

‘‘जब भारतीय प्रधानमंत्री एवं अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि नूयी तो हमारी तरफ से हैं’’

‘‘जब भारतीय प्रधानमंत्री एवं अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि नूयी तो हमारी तरफ से हैं’’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : September 26, 2021/3:54 pm IST

(ललित के झा)

वाशिंगटन, 26 सितंबर (भाषा) भारतीय मूल की अमेरिकी एवं पेप्सिको की पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूयी को अब भी 2009 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भेंट याद है जब दोनों ने दावा किया: ‘‘वह तो हमारी तरफ से हैं। ’’

चेन्नई में पैदा हुईं नूयी (65) ने अपने संस्मरण ‘माई लाइफ इन फुल: वर्क, फैमिली एंड अवर फ्यूचर’’ में नवंबर, 2009 की अविस्मरणीय घटनाओं को समेटते हुए लिखा है, ‘‘मैं दोनों ही दुनिया (भारत एवं अमेरिका) की हूं।’’ नवंबर 2009 में ओबामा ने अपने पहले राजकीय भोज में सिंह की मेजबानी की थी।

अगले मंगलवार को बाजार में आ रहे इस संस्मरण में नूयी ने बाल्यकाल से लेकर पेप्सिको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने तक की उन घटनाओं का ब्योरा दिया है जिन्होंने उनकी जिंदगी को एक आकार प्रदान किया। वह 2018 में इस पद से सेवानिवृत्त हुईं।

उन्होंने 300 से ज्यादा पन्नों की इस किताब की प्रस्तावना में लिखा है, ‘‘दो दर्जन शीर्ष अमेरिकी एवं भारतीय उद्योगपतियों के साथ वााशिंगटन डीसी में घंटों की बैठक के बाद नवंबर, 2009 में मंगलवार की एक कोहरे भरी सुबह मैंने अपने आप को अमेरिका के राष्ट्रपति एवं भारत के प्रधानमंत्री के बीच खड़ा पाया।’’

उन्होंने लिखा है, ‘‘बराक ओबामा एवं मनमोहन सिंह हमारे ग्रुप की प्रगति के बारे में अद्यतन सूचना हासिल करने के लिए कमरे में आये तथा राष्ट्रपति ओबामा ने सिंह के सामने अपनी अमेरिकी टीम का परिचय देना शुरू किया। जब उन्होंने मेरा परिचय कराया -‘पेप्सिको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंद्रा नूयी’, तब प्रधानमंत्री सिंह बोल पड़े, ‘ओह, लेकिन वह हमारी तरफ से हैं।’’

नूयी ने लिखा है, ‘‘और राष्ट्रपति ने एक बड़ी मुस्कान के साथ जवाब दिया, ‘‘ लेकिन वह तो हमारी तरफ से हैं। ’’

उन्होंने पुस्तक में कहा है, ‘‘यह एक ऐसा पल है जिसे मैं कभी नहीं भूलती: दो महान देशों, जिन्होंने मुझे काफी कुछ दिया, के नेताओं की एक स्वत:स्फूर्त दयालुता।’’

नूयी ने लिखा है, ‘‘मैं अब भी एक लड़की हूं जो दक्षिण भारत के मद्रास में अपने परिवार के साथ पली-बढी, और मैं अपनी युवावस्था के पाठों एवं संस्कृति से गहराई तक जुड़ी हूं। मैं एक महिला भी हूं जो पढाई करने एवं काम करने के लिए 23 साल की उम्र में अमेरिका पहुंची, और एक ऐतिहासिक कंपनी में बहुत आगे गयी, एक ऐसा सफर जिसके बारे में मैं मानती हूं कि अमेरिका में ही संभव है। मेरा दोनों ही दुनिया से संबंध है।’’

बूज एलेन हैमिलटन में साड़ी पहनने वाली इंटर्न से लेकर पेप्सिको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद तक, नूयी लिखती हैं कि अपने पेशेवर करियर की शुरुआत से लेकर बाद तक अमेरिका में कारोबारी दुनिया महिलाओं के लिए काफी सुधरी है।

नूयी ने लिखा है कि बिल्कुल हाल तक मीटू आंदेालन एवं टाईम्स अप अभियान ने इस बात पर काफी असर डाला कि किस हद तक महिलाओं को यौन हिंसा एवं उत्पीड़न से गुजरना पड़ता है। उन्होंने लिख, ‘‘मैं कभी यौन उत्पीड़न का शिकार नहीं हुई। मैंने कॉरपोरेट दुनिया में अपने प्रारंभिक दिनों में पुरूषों के आचरण के बारे में काफी कुछ देखा एवं सुना जिससे शालीनता की मेरी भावना एवं मेरे मूल्य आहत हुए। मैंने जैसे ही इसे देखा एवं जब यह सामने आया तो मैंने आक्रामक आचरण को रोकने को अपनी प्राथमिकता बना लिया।’’

नूयी ने लिखा है कि जब वह पेप्सिको की अध्यक्ष बनीं तब उन्होंने अनुपालन विभाग को निर्देश दिया कि उनकी अनाम ‘स्पीक अप लाइन’ पर आने वाली उत्पीड़न शिकायतों को तत्काल हल किया जाए।

भाषा

राजकुमार नेत्रपाल वैभव

वैभव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)