दुबई, 15 मार्च (एपी) रूस की सरकारी मीडिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि यमन के हूती विद्रोहियों ने अपने शस्त्रागार में एक नयी हाइपरसोनिक मिसाइल होने का दावा किया है जिससे गाजा पट्टी में हमास और इजराइल के युद्ध के बीच लाल सागर और उसके आसपास के जलमार्ग में जहाजों पर हूती विद्रोहियों के हमलों का जोखिम बढ़ गया है।
रूस की सरकारी ‘आरआईए नोवोस्ती’ समाचार एजेंसी ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से यह खबर दी लेकिन इस दावे के पक्ष में कोई सबूत उपलब्ध नहीं कराया।
हूती के शीर्ष नेता अब्दुल मलिक अल-हूती ने बृहस्पतिवार को कहा कि विद्रोही अफ्रीका के दक्षिणी छोर में ‘केप ऑफ गुड होप’ की ओर बढ़ रहे जहाजों पर हमले शुरू करेंगे। अभी तक विद्रोहियों ने सुएज नहर की ओर लाल सागर में जा रहे जहाजों पर हमले किए हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं हैं कि वे किसी भी संभावित हमले को कैसे अंजाम देंगे।
इस बीच, तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम और उसके छद्म समूहों द्वारा हमलों को लेकर लंबे समय से बने हुए तनाव के बीच ईरान और अमेरिका के ओमान में अप्रत्यक्ष बातचीत करने की जानकारी है।
हूती के सबसे बड़े संरक्षक ईरान ने एक हाइपरसोनिक मिसाइल होने का दावा किया है और उसने विद्रोहियों को व्यापक पैमाने पर उन मिसाइलों से लैस किया है जिनका वे अब इस्तेमाल करते हैं। हूती विद्रोहियों के शस्त्रागार में हाइपरसोनिक मिसाइल होने से अमेरिका तथा इजराइल समेत उसके सहयोगियों की वायु रक्षा प्रणाली में अधिक गंभीर चुनौती पैदा हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने बृहस्पतिवार को इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हाइपरसोनिक को लेकर दावे के बारे में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन की प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसा कोई संकेत नहीं है कि उनके पास यह क्षमता है।’’
इजराइल की सेना ने भी इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
एपी गोला सिम्मी
सिम्मी
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