प्रदेश में 1772 वनरक्षकों की होगी भर्ती, 37 जिलों में निकली भर्ती, संविदा-स्थाईकर्मी अदालत की शरण में

1772 forest guards will be recruited: उधर, संविदा, स्थाईकर्मी और कम्प्यूटर आपरेटरों ने विरोध दर्ज करा दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मौका दिए बगैर सीधी भर्ती से पद भरे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने इसे लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का फैसला किया है।

प्रदेश में 1772 वनरक्षकों की होगी भर्ती, 37 जिलों में निकली भर्ती, संविदा-स्थाईकर्मी अदालत की शरण में
Modified Date: November 29, 2022 / 08:27 pm IST
Published Date: November 25, 2022 9:57 am IST

1772 forest guards will be recruited, Madhya Pradesh News: भोपाल। मध्य प्रदेश में एक लाख कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है। इसी कड़ी में वन विभाग में 1772 वनरक्षक, 37 स्टेनो टाइपिस्ट, 30 मानचित्रकार और 87 सहायक ग्रेड-तीन (लिपिकों) की भर्ती की जा रही है। शासन ने इन पदों को मंजूरी दे दी है। अब इस भर्ती के लिए डिमांड लेटर भेजे गए हैं। ये भर्ती प्रदेश के 37 जिलों में की जाएगी।

उधर, संविदा, स्थाईकर्मी और कम्प्यूटर आपरेटरों ने विरोध दर्ज करा दिया है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मौका दिए बगैर सीधी भर्ती से पद भरे जा रहे हैं। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने इसे लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने का फैसला किया है।

बैतूल जिले में सबसे अधिक 191 पदों को मंजूरी

बता दें कि बैतूल जिले में सबसे अधिक 191, सागर में 150 और बालाघाट में 147 वनरक्षकों की भर्ती की जा रही है। वहीं अधिकतर जिलों में लिपिकों के भी पदों पर भर्ती होगी। इसे लेकर कर्मचारी इसलिए नाराज हैं क्योंकि 10 साल की सेवा के बाद भी उन्हें भर्ती में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। प्रदेश के विभिन्न विभागों में स्थाईकर्मी, संविदा, अंशकालीन कर्मचारी और कम्प्यूटर आपरेटर कार्यरत हैं। इनमें से अधिकांश कर्मचारी 10 साल से अधिक से सेवाएं दे रहे हैं।

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10 साल सेवा पूर्ण करने पर रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने उमा देवी बनाम कर्नाटक सरकार के प्रकरण में 10 अप्रैल 2006 को फैसला दिया था कि सरकारी विभागों में कलेक्टर दर पर कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 10 साल सेवा पूर्ण करने पर रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति दी जाए। ऐसे में कर्मचारियों का आरोप है कि राज्य सरकार न्यायालय के इस आदेश की अवहेलना कर रही है। विभागों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए रिक्त पदों पर सीधी भर्ती कर रही है। पद नहीं होंगे, तो उक्त संवर्ग के संविदा-स्थाई कर्मचारियों को नियमितीकरण का अधिकार नहीं मिलेगा।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com