कोटा में करीब 40 हजार छात्र हॉस्टलों में, अब तक नही है एक भी संक्रमित, लॉकडाउन में बढ़ गई पढ़ने की अवधि

कोटा में करीब 40 हजार छात्र हॉस्टलों में, अब तक नही है एक भी संक्रमित, लॉकडाउन में बढ़ गई पढ़ने की अवधि

Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 PM IST
Published Date: March 30, 2020 1:30 pm IST

नई दिल्ली। देश में लॉकडाउन और कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर लोग परेशान हैं। प्रधानमंत्री मोदीे की अपील पर लोग घरों से निकलना कम कर रहे हैं, फिर भी मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। पीएम मोदी की अपील का असर राजस्थान की कोचिंग कैपिटल कोटा में खास रूप से देखने को मिलता है। यहां हजारों स्टूडेंट पीजी और हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

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यहां अभी तक एक भी कोरोना पाॅजिटिव नहीं मिला है, कोरोना का एपिसेंटर बन चुके भीलवाड़ा से कोटा शहर की दूरी 160 किमी से भी कम है, इसके बावजूद अब भी 35 से 40 हजार छात्रों ने कोराेना को हराने के लिए अपनी जिंदगी को हॉस्टल के रूम से लेकर मैस तक सीमित करके रख दिया है।

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न्यू राजीव गांधी नगर, राजीव गांधी नगर, तलवंडी और जवाहरनगर समेत अन्य जगह हॉस्टलों के कई कमरों में क्रॉस वेंटिलेशन भी नहीं है, सूरज की किरणें भी कमरों तक नहीं पहुंच सकतीं। इसके बावजूद छात्र अपने कमरों में ही रह रहे हैं। परिवार वाले चिंता न करें, इसके लिए वे प्रतिदिन फोन के जरिए संपर्क में रहते हैं। जिला प्रशासन, कोचिंग संचालक और हाॅस्टल संचालक सपोर्ट कर रहे हैं, लेकिन छात्र अपनी इच्छाशक्ति से इस अनुशासन को बना पा रहे हैं।

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कोचिंग बंद होने और लॉकडाउन के बाद उनका पूरा दिन हॉस्टल में ही बीतता है, कोटा के अधिकांश हॉस्टल मध्यमवर्गीय परिवारों को देखते हुए बनाए गए हैं, ज्यादातर हॉस्टल में मनोरंजन की बहुत सुविधाएं नहीं हैं, किताबें-इंटरनेट ही फिलहाल इनके साथी हैं, ऐसे में स्टूडेंट सुबह करीब नौ से दस बजे तक ब्रेकफास्ट खत्म करने के बाद अपने कमरों में चले जाते हैं।

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पढ़ाई के बाद लंच करने मेस जाते हैं और फिर से अपने रूम में आकर आइसोलेशन का वक्त बिताते हैं, छात्र इस समय को भी पॉजिटिव रूप में ले रहे हैं, वे मानते हैं कि जेईई मेन और नीट की तारीख आगे बढ़ने के कारण अब इन्हें पढ़ाई के लिए अधिक समय मिलेगा।

लेखक के बारे में

लेखक डॉ.अनिल शुक्ला वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में सीनियर एसोसिएट प्रोड्यूसर और शिफ्ट इंचार्ज हैं। वर्ष 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, मध्यप्रदेश से पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। इसके पहले महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ से एम.एससी इन इलेक्ट्रानिक मीडिया (M.sc EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इनके अलावा गुरूघासीदास विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। लेखक ने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एण्ड मासकम्यूनिकेशन (PGDJMC) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डेवलेपमेंट (PGDRD) विषय में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। लेखक ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता निभाया है। तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। लेखक को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।