बच्चों के लिए दर दर भटक रहे अभिभावक, लॉकडाउन में फंसे छात्रों को राजस्थान कोटा से वापस घर लाने की गुहार | Parents wandering rate for children, requesting students caught in lockdown to return home from Rajasthan quota

बच्चों के लिए दर दर भटक रहे अभिभावक, लॉकडाउन में फंसे छात्रों को राजस्थान कोटा से वापस घर लाने की गुहार

बच्चों के लिए दर दर भटक रहे अभिभावक, लॉकडाउन में फंसे छात्रों को राजस्थान कोटा से वापस घर लाने की गुहार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : April 11, 2020/6:28 am IST

अंबिकापुर। अपने बच्चों के लिए अभिभावक दर दर भटक रहे हैं, कभी प्रशासन से अपील तो कभी सरकार से गुहार, मां का दर्द उसकी आंखों से छलक रहा है, आखों में नमी है। पिता लॉकडाउन में फसे अपने बच्चों को घर लाना चाहता है, ये दर्द है सरगुजा के उन परिवार का जिनके बच्चे राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं। हर किसी को कोरोना वायरस का डर सता रहा है। बढ़ते कोरोना के खतरे के बीच अब लॉक डाउन बढ़ने की आशंका भी इन्हें सता रही है।

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दरसअल, सरगुजा जिले के 40 से 50 छात्र राजस्थान कोटा में रहकर पढ़ाई करते हैं और लॉक डाउन के बीच वहीं फंसे हुए हैं यही कारण है कि इन बच्चों के अभिभावक उम्मीद के साथ एसडीएम से मिलने उनके कार्यालय पहुचे, ये वो अभिभावक हैं जिनके बच्चे कोचिंग करने कोटा गए हुए हैं।

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कोविड 19 संक्रमण के चलते देश में लॉक डाउन लागू है। कई राज्यों में कर्फ़्यू लगा है। परिवहन सेवाएं पूरी तर से ठप्प है, ऐसे में अंबिकपुर शहर के 30 से 40 छात्र राजस्थान के कोटा में फंसे हुए हैं। ये सभी छात्र अपने अपने होस्टलों में कैद हैं, बस फोन के माध्यम से अपने परिवार के संपर्क में हैं। अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे रो रहे है बिलख रहे हैं, बस कह रहे हैं कि कुछ भी करके उन्हें घर लाने की व्यवस्था करा दें, बच्चों की ये स्थिति देख कर अभिभावक भी परेशान हैं।

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अभिभावकों ने भी एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर प्रशासन और सरकार से अपील की है कि कुछ व्यवस्था कर के कोटा में फंसे उनके बच्चों को अंबिकापुर लाया जाये, अभिभावकों के अपील के बाद भी कोई उम्मीद की किरण दिखती नजर नहीं आ रही है, कोरोना काल के बीच आखिरकार बच्चे घर कैसे वापस आएंगे ये एक बड़ा सवाल है? लेकिन बच्चों को घर लाने के लिए अभिभावकों का प्रयास जारी है।

 
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