वर्दी की आड़ में ‘भेड़िया’! 200 महिलाओं के साथ बनाया संबंध, फिर दी दर्दनाक मौत..अर्धनग्न लाशों का राज

ये भेड़िया शहर भर में अपना शिकार ढूंढता और सूरज ढलते ही उस शिकार पर टूट पड़ता। महिलाओं के सामने पुलिस की वर्दी पहनकर पहले रक्षक के रूप में आता और फिर उनकी इज्जत ही नहीं बल्कि उनकी जिंदगी भी उनसे लूट लेता था।

वर्दी की आड़ में ‘भेड़िया’! 200 महिलाओं के साथ बनाया संबंध, फिर दी दर्दनाक मौत..अर्धनग्न लाशों का राज
Modified Date: January 12, 2023 / 01:11 pm IST
Published Date: January 12, 2023 1:05 pm IST

serial killer mikhail popkov werewolf

इस खबर को पढ़कर आपको ऐसा लगेगा कि दुनिया में क्या ऐसे भी इंसान होते हैं। यह घटना कोई फिल्मी नहीं बल्कि एक ऐसे सीरियल किलर ( Serial Killer) की है जिसे महिलाओं का ऐसा नशा था कि पहले वो उनसे संबंध बनाता और फिर उन्हें दर्दनाक मौत दे देता। पुलिस की वर्दी की आड़ा में इस सीरियल किलर ने 200 महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाए और हत्या कर दी।

इस Serial Killer: को औरतों के साथ जोर-जबरदस्ती करके उनसे संबंध बनाने का नशा था। जब तक औरतों की आह न निकल जाए, औरतें दर्द से कराह न उठें उसे सुकून नहीं मिलता था। इसी खौफनाक जुनून को उसने अपनी जिंदगी का लक्ष्य बना लिया। वो इस नशे के लिए इस कदर आदी हो चुका था कि शहर की हर लड़की, हर महिला को हवस का शिकार बनाना चाहता था और इसके लिए उसने एक बेहद शातिर तरीका अपनाया। वो दिन में तो पुलिसवाले वेष में रहता और रात में बन जाता भेड़िया।

जानिए क्या है इस इंसानी भेड़िये की कहानी

आपको बता दें कि ये कहानी रूस के मिखाइल पोपकोव ( Mikhail Popkov) की है। जिसने 200 महिलाओं के साथ जोर जबरदस्ती करके रातें गुजारी, उनके साथ जिस्मानी संबंध बनाएं और फिर उन्हें ऐसी मौत दी कि जिसे सुनकर अच्छे अच्छों की रूह कांप जाती है।

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दुनिया के खुंखार हत्यारों में शामिल यह मानव भेड़िया यानी वेयवोल्फ ( Werewolf) के नाम से जाना जाता है। ये भेड़िया शहर भर में अपना शिकार ढूंढता और सूरज ढलते ही उस शिकार पर टूट पड़ता। महिलाओं के सामने पुलिस की वर्दी पहनकर पहले रक्षक के रूप में आता और फिर उनकी इज्जत ही नहीं बल्कि उनकी जिंदगी भी उनसे लूट लेता था।

जब जगह जगह मिलने लगी महिलाओं की अर्धनग्न लाशें

1992 से 2002 के बीच यानि की करीब 10 दस साल के अंतराल में रूस में एक के बाद महिलाओं की अर्धनग्न लाशें मिलने लगी। रूस के अंगासर्क शहर में नब्बे के दशक में हाहाकार मच गया। महिलाओं की अर्धनग्न लाशें मिलना ही हाहाकार की प्रमुख वजह थी। एक के बाद एक कई लाशें मिली तो पुलिस को समझ आया कि शहर में घूम रहा कोई वहशी दरिंदा जो औरतों को जानबूझकर अपना शिकार बना रहा है।

इन सभी हत्याओं में कामन बात यही थी कि जितनी भी महिलाओं की लाशें मिली उनकी हत्या के पहले संबंध बनाए गए थे। एक दो नहीं बल्की कई महिलाएं मारी जा चुकी थीं, लेकिन हत्यारे का कोई पता ही नहीं लग पा रहा था।

सीरियल किलर के निशाने पर थीं महिलाएं

ये खौफनाक हत्यारे का कत्ल का तरीका भी बेहद डरावना था। कभी हथौड़े से तो कभी कुल्हाड़ी से महिलाओं पर वार के निशान मिलते थे। पोस्टमार्टम से पता चलता था कि महिलाओं को मारने से पहले काफी देर तक तड़पाया जाता था। धीरे-धीरे करके ही बेहद खतरनाक तरीके से सारी हत्याओं को अंजाम दिया जाता था।

मरने वाली महिलाओं की उम्र अलग-अलग थी। 18 साल से लेकर 50 साल तक की लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा था। हर किसी को यही डर था कि कही इसका अगला निशाना वो ही न बन जाएं।

पुलिसवाला ही था सीरियल किलर

शहर में हो रहे मौत के तांडव से हर कोई हैरान था, सहमा हुआ था। शहर में अगला शिकार कौन हो जाएगा इसका भी पता नहीं लग पा रहा था। पुलिस के हाथ भी खाली थी क्योंकि ज्यादातर केस में जांच अधिकारी बनकर यही दरिंदा सबसे पहले क्राइम स्पॉट पर पहुंचता था। पुलिस वाला बनकर ये सीरियल किलर हर केस को रफा दफा कर देता था।

ये घटना स्थल पर जाकर सबूत जुटाने का नहीं बल्कि सबूत मिटाने का काम करता था। रात की हैवानियत वाले काम को ये पुलिस की वर्दी में बड़ी ही आसानी से मिटा देता। दरअसल, मिखाइल पोपकोव ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन ही जुर्म को अंजाम देने के लिए की थी। उसका मकसद ही था महिलाओं के साथ रेप करना और उनकी हत्या करना।

इस तरह पकड़ा गया खूंखार दरिंदा

शहर में सैकड़ों जानें ले चुका ये इतना शातिर था कि अगर किसी को इसपर शक होता तो उसे भी मौत दे देता। एक दो बार इसके साथी पुलिसवालों को इसके खिलाफ कुछ सबूत मिले तो इसने उन पुलिसवालों को ही अपने रास्ते से हटा दिया, लेकिन कहते हैं न हर अपराधी का अंत तो कभी न कभी होता ही है।

इस दरिंदे के अंत की कहानी शुरू हुई इसकी कार के टायर से, पुलिस को लड़की की लाश के पास से इस सीरियल किलर के कार टायर के निशान मिले और फिर इसे गिरफ्तार कर लिया गया।

खूबसूरत लड़कियों का करता था रेप

पुलिस पूछताछ में इसने बताया कि अपनी कार में बार के आसपास खड़ा रहता था और खूबसूरत लड़कियों को अपनी कार में लिफ्ट देता था। अगर लड़की इसकी कार में आ गई तो उस रात उसको बेहद डरावनी मौत दी जाती थी। ये लड़कियों के साथ कार में ही जबरदस्ती संबंध बनाता और या तो कुल्हाड़ी से या फिर हथौड़े से धीरे-धीरे करके उसे मारता। लड़कियां दर्द से कराहती तो ये उनकी तड़प देखकर खुश होता और उन्हें और ज्यादा दर्द देता।

रात में ही ये लड़कियों की लाश को जंगल में फेंक देता। इसने 88 लड़कियों की हत्या की बात कबूल की। हालांकि माना जाता है कि 200 से ज्यादा लड़कियों को इसी तरह तड़पा-तड़पाकर मार चुका था।

अब भी रूस की जेल में बंद है ‘वेयरवोल्फ’

इसके जुर्म इतने भयानक थे कि रूस की अदालत ने इसे दो बार उम्र कैद की सजा सुनाई। इसके हैवानी कारनामों की वजह से इस वेयरवोल्फ की संज्ञा दी गई। दुनिया का ये खतरनाक सीरियल किलर अब भी रूस की जेल में बंद है। खुद को जस्टीफाई करने के लिए ये राक्षस अपने काम को सही ठहरा रहा था। इसका कहना था कि इसने ऐसी महिलाओं का कत्ल करके सिर्फ शहर की गंदगी साफ की।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com