himachal election results 2022 नई दिल्ली,07 दिसंबर 2022। हिमाचल प्रदेश की सियासी जमीन पर हमेशा यही ट्रेंड रहा है कि यहां हर पांच साल में सत्ता बदल जाती है। साढ़े तीन दशक से हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन होता रहा है। पांच साल पहले बीजेपी ने कांग्रेस को सत्ता से हटाया था। अब एक बार फिर से कांग्रेस की वापसी हो सकती है। एग्जिट पोल के मुताबिक कांटे की टक्कर में बीजेपी सरकार गंवा रही तो कांग्रेस सत्ता में वापसी करती हुई दिख रही है। फिर भ्ज्ञी कांग्रेस के लिए चिंता कम नहीं है।
दरअसल, एग्जिट पोल के आंकड़े अगर नतीजे में तब्दली होते हैं तो कांग्रेस भले ही प्रदेश में सरकार बनाती दिख रही हो, लेकिन उसके लिए आम आदमी पार्टी देश के बाकी राज्यों में सियासी चुनौती खड़ी करती जा रही है। इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस 44 फीसदी वोटों के साथ 30 से 40 सीटें मिलती दिख रही हैं। बीजेपी 42 फीसदी वोटों के साथ 24-34 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, अन्य को 4-8 सीटें मिलती दिख रही हैं तो आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस को हिमाचल की जीत की खुशी से ज्यादा एमसीडी में केजीरावाल का आना और गुजरात में AAP का तीसरी ताकत बनना चिंता का सबब बन गया है।
कांग्रेस भले ही हिमाचल की सत्ता में लौट रही हो, उसको यह जीत अपनी मेहनत के बदौलत नहीं मिल रही है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का जो ट्रेंड रहा है, यह जीत उसी का नतीजा होगी। गुजरात विधानसभा और दिल्ली एमसीडी चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। कांग्रेस के लिए चिंता की बात यह है कि उसकी राजनीतिक जमीन धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी कब्जाती जा रही है। देश में एक के बाद एक राज्य में कांग्रेस का सियासी जमीन पर आम आदमी पार्टी झाड़ू लगाते हुए जा रही है। बीजेपी के सामने कांग्रेस का विकल्प आम आदमी पार्टी बन रही है।
himachal election results 2022 दिल्ली नगर निगम में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ रहा है तो गुजरात में शिकस्त खानी पड़ रही है। दिल्ली में कांग्रेस के वोटबैंक को AAP अपने नाम करती जा रही है, दिल्ली में बीजेपी का अपना 35 फीसदी वोट उसके साथ है, लेकिन कांग्रेस का वोट AAP में पूरी तरह से शिफ्ट हो गया है। एग्जिट पोल के मुताबिक दिल्ली एमसीडी में AAP बहुमत मिलता दिख रहा है। जबकि कांग्रेस के खाते में महज 03 से 07 सीटें आ सकती हैं, जबकि अन्य के खाते में 05 से 09 सीटें जा सकती हैं। 2017 में कांग्रेस को 30 सीटें मिली थी।
आम आदमी पार्टी के बनने से पहले तक दिल्ली का सियासी संग्राम बीजेपी और कांग्रेस के बीच सिमटा हुआ था, लेकिन अब सियासी हालात बदल गए हैं। 2013 में आदमी पार्टी बनी और दिल्ली की सत्ता से कांग्रेस विदा हो गई, इसके बाद से लगातार कांग्रेस का सियासी आधार सिमटता जा रहा है और अब यह दस फीसदी वोटों के करीब पहुंच गया गया है। दिल्ली में एक अंक में उसके पार्षद बन रहे हैं और दो विधानसभा चुनाव से एक भी विधायक नहीं जीत रहा है।
गुजरात में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस का वोट खाकर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराने में सफल होती दिख रही है, आप को गुजरात में 20 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस को 26 फीसदी। इस तरह से गुजरात में हर पांचवां वोट केजरीवाल की पार्टी को मिला है। गुजरात में आम आदमी पार्टी तीसरी ताकत के तौर पर उभरती नजर आ रही है, जो कांग्रेस के लिए चिंता का सबब है, इसकी वजह यह है कि गुजरात में आम आदमी पार्टी को जो करीब 20 फीसदी के करीब वोट मिल रहा है, उसमें 16 फीसदी कांग्रेस और 4 फीसदी बीजेपी का है।