भोपाल: Amit shah Targets Mahakuchsal एमपी चुनाव के मुहाने पर खड़ा है और जिन चेहरों पर बीजेपी की चुनावी नैय्या को पार लगाने का जिम्मा है, उनमें से एक नाम है। अमित शाह आज अमित शाह 3 दिन के दौरे पर एमपी पहुंचे। पहले जबलपुर, फिर छिंदवाड़ा और देर रात वो भोपाल में होंगे। यानी सुबह महाकौशल के सियासी समीकरण साधे गए तो रात में वो नर्मदापुरम संभाग के गुणा-गणित लगाएंगे। अमित शाह का वही चिर-परिचित अंदाज काम में तेजी, भाषा में आक्रमकता और विरोधियों पर कड़ा प्रहार। एमपी दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने पहले दिन क्या रणनीति बनाई?
Amit shah Targets Mahakuchsal 3 दिन के एमपी दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने आज ताबड़तोड़ बैठकों और सभाओं को संबोधित कर बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाया। सबसे पहले गृह मंत्री अमित शाह जबलपुर पहुंचे। वीडी शर्मा ने उन्हें रिसीव किया, जिसके बाद अमित शाह ने जनजातीय महानायक शंकर शाह और रघुनाथ शाह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वो बीजेपी के संभागीय कार्यालय में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक में शामिल हुए। जहां अमित शाह ने पहले टिकट वितऱण के बाद उपजे विवाद पर समाधान की कोशिश की। अमित शाह ने पहले धीरज पटेरिया को तलब किया जो जबलपुर उत्तर सीट से अभिलाष पांडेय को टिकट देने का विरोध कर रहे थे, फिर महाकौशल की 38 सीटों पर विस्तृत जानकारी ली।
इसके बाद अमित शाह कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पहुंचे और जुन्नारदेव में अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि ‘मध्यप्रदेश में तीन परिवार की चलती है। गांधी, कमलनाथ और बंटाधार के परिवार की। तीन तिगाड़ा, काम बिगाड़ा। आदेश गांधी परिवार का चलता है, निर्देश कमलनाथ का और गाली दिग्विजय सिंह यानी बंटाधार खाते हैं। अमित शाह ने राम मंदिर निर्माण का श्रेय बीजेपी को दिया। आतंकवाद पर मोदी सरकार की पीठ थपथपाई और शिवराज सरकार की तारीफ भी की।
दरअसल अमित शाह और एमपी बीजेपी साल 2018 में महाकौशल में विधानसभा के नतीजों को दोहराना नहीं चाहते। 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने 38 में से 24 सीटे अपने झोली मे डाल ली थी और इन 38 सीटों में से बीजेपी ने केवल 13 सीटें ही जीती थी और किसी भी हालत में बीजेपी से आंकड़े बदलना चाहती है। इसलिए अमित शाह पूरी ताकत के साथ महाकौशल में बीजेपी का प्रचार कर कमलनाथ पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। कुल मिलाकर अमित शाह एमपी में बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक और रणनीतिकार हैं। इससे पहले भी वो देर-सबेर एमपी आकर बीजेपी की रणनीति को धार देते आए हैं और अब जब एमपी चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। तब भी एमपी की पतवार अमित शाह के हाथ में है।