MP Assembly Election 2023

MP Assembly Election 2023: आदिवासी वोटर्स का उत्साह..किसकी जीत की राह? एसटी सीटों पर बंपर वोटिंग के मायने क्या?

MP Assembly Election 2023: आदिवासी वोटर्स का उत्साह..किसकी जीत की राह? एसटी सीटों पर बंपर वोटिंग के मायने क्या?

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Modified Date: November 21, 2023 / 09:25 PM IST
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Published Date: November 21, 2023 9:25 pm IST

भोपाल। MP Assembly Election 2023 मध्यप्रदेश में वोटिंग के बाद सबको चुनावी नतीजों का बेसब्री से इंतज़ार है। वोटिंग के बाद गुणा गणित लगाए जा रहे हैं। बूथों पर पड़े वोटों की पड़ताल की जा रही है। कि आखिर किस समाज का झुकाव किस दल की तरफ रहा है। लेकिन इन सबके बीच अकेला आदिवासी वर्ग ऐसा है जिसका रुझान जिस दल की तरफ रहा है सत्ता का स्वाद उसी ने चखा है। साल 2008,2013,2018 के आंकड़े भी यही बताते हैं कि आदिवासी वोटरों ने जिस दल की तरफ एकतरफा वोटिंग की है सरकार उसी ने बनायी है खैर अब बीजेपी कांग्रेस ये दावा कर रही है कि आदिवासियों के आशीर्वाद के जरिए सत्ता के सिंहासन पर वही बैठने जा रहे हैं।

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MP Assembly Election 2023 महिला वोटर्स के साथ साथ बीजेपी और कांग्रेस का फोकस आदिवासी वोटर्स पर भी था। क्योंकि राजनीतिक दलों को इस बात का अंदाजा था कि इनका बंपर वोट समीकरण बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। इस बार आदिवासी वर्ग ने वोटिंग भी बढ़ चढ़ कर की है। आरक्षित 47 सीटों में से 24 सीटों पर तो 80 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है। न सिर्फ 47 सीटों पर बल्कि 25 उन सीटों पर भी बंपर वोटिंग हुई है जहां आदिवासी वोटर 25 से 40 हजार के बीच है। यानि इस बार भी आदिवासी वोटर्स गेमचेंजर की भूमिका में हैं।

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असल में 2018 के चुनाव में कांग्रेस को आदिवासियों का भरपूर साथ मिला था और जिसका नतीजा ये रहा कि कांग्रेस की सरकार बनी। ठीक इसी तरह विधानसभा 2013 के चुनाव में आदिवासियों का साथ बीजेपी को मिला। सत्ता में फिर से बीजेपी आई थी। यानी आदिवासियों का झुकाव चुनाव में जीत और हार तय करती है। यही वजह रही आदिवासी इलाकों में बीजेपी पूरी ताकत झोक दी। पीएम मोदी, अमित शाह लेकर शिवराज सिंह चौहान के कई दौरे हुए। जबकि कांग्रेस आदिवासी वोटर्स से ये कहती रही कि नेमावर हत्याकांड, सीधी पेशाब कांड, लटेरी गोली कांड, खरगोन में पुलिस कस्टडी में आदिवासी युवक की मौत भी बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुई है।

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हालांकि कांग्रेस औऱ बीजेपी ने मध्यप्रदेश के आदिवासी समाज के हर वर्ग को साधने की कोशिश की है। चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने 22-22 गोंड,कांग्रेस ने भील-भिलाला के 9-9,बीजेपी ने 8 भील और 7 भिलाला समाज के कैंडिडेट को मौका दिया है। खैर बंपर वोटिंग के बाद दोनों दल अपने-अपने तरीके से बता रहे हैं कि इस आधिवसियों का साथ उनको ही मिला है।

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