रायपुर।IBC24 Bemisal Bastar: वैसे तो धरती को स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ का स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’
बस्तर अबूझमाड़ वो इलाका है जहां की हवाओं में डर और दहशत घुली है। यहां समानंतर सरकार नक्सली ही चलाते है। इन इलाकों में बसने वाली विशेष पिछड़ी अबुझ्माडिया जनजाति को नक्सलियों ने सालों तक विकास और सुविधाओं से कोसों दूर रखा। अनजान बीमारियां कई ग्रामीणों की हर साल जान ले लेती हैं। लेकिन, नारायणपुर जिले के स्वास्थ्य अमले ने वो कर दिखाया जो आजादी के बाद इन इलाको में किसी ने भी नहीं किया था। स्वास्थ्य अमले ने अबूझमाड़ ओरछा के अंदरूनी गांव आदेर में आजादी दशको बाद हेल्थ वेलनेश सेंटर की स्थापना की है, जिसका नाम आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखा है। स्वास्थ्य कर्मी विषम परिस्थितियों में भी यहां रह कर ग्रामीणों को सेवा दे रहे हैं। सेंटर में ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार, OPD, सहित गर्भवती महिलाओं के लिए E.R.C. सेंटर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
IBC24 Bemisal Bastar: नक्सलियो के गढ़ में सरकार की योजनाएं भी सही ढंग से नहीं पहुच पाती हैं। वहां, सुविधा युक्त हेल्थ्सेंटर का संचालन करना स्वाथ्य अमले के लिए सबसे बड़ी सफलता है।