रायपुरः IBC24 Bemisal Bastar: वैसे तो धरती का स्वर्ग कहा जाता है, लेकिन अगर बस्तर को छत्तीसगढ़ को स्वर्ग कहा जाए तो ये कहीं भी गलत नहीं होगा। बस्तर दुनिया भर में सिर्फ वनों के लिए नहीं बल्कि अपनी अनूठी सममोहक संस्कृति के लिए पहचाना जाता है। यहां के आदित जनजातियों की परंपराएं, लोकगीत, लोक नृत्य, स्थानीय भाषा, शिल्प एवं लोक कला की पूरी दुनिया कायल है। आज आईबीसी 24 ये जानने की कोशिश कर रहा है कि सरकार की सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा या नहीं। बता दें कि आईबीसी 24 सदा से जनता की आवाज और जनहित की बात सरकार तक पहुंचाने का माध्यम बना है और हमेशा इस बात पर अडिग रहेगा कि ‘सवाल आपका है’
बात करें बस्तर की स्वास्थ्य सेवाओं की तो यहाँ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कई योजनाएं संचालित हैं। आज बस्तर संभाग के कोंडागांव में गांव-गांव तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँच चुकी हैं। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने कई उपलब्धियां भी हासिल की हैं। ग्रामीण स्तर पर सेवाओं को मजबूत करने ग्राम स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोले गए है साथ ही मेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा किया गया। इसके अलावा हाट-बाजारों में स्वास्थ्य शिविर लग रहे है।
बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पहले ग्रामीणों को शहर के जिला अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन योजना ने समय और पैसों की बचत तो की ही है। साथ ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में भी स्वास्थ्य विभाग सफल रहा है। आज कोंडागांव जिले में ग्राम स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मन्दिर स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा अधिकारी, ग्रामिण चिकित्सा सहायक, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ की हर स्वास्थ्य केन्द्र में बतौर मानव संसधान पूर्ति की गई है। इन्ही स्वास्थ्य सुविधाओं के चलते हाट-बाजारों में स्वास्थ्य शिविर, मोबाईल युनिट सुविधा, फिजियोथेरिपी तूमचो दुवार, घर पहुंच जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के योजनाओं के तहत दी जा रही है।
IBC24 Bemisal Bastar: कोंडागांव में स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण किया। कोंडागांव जिला अस्पताल को केंद्र सरकार की ओर से उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सम्मानित किया जा चुका है, जो कि गर्व की बात है। स्वास्थ्य विभाग के विजन का असर है कि कोंडागांव जिले में शिशु और मातृ मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है, जो कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।