किडनैपिंग के बाद मुख्यमंत्री आवास में होता था ‘सेटलमेंट’.. लालू यादव के अपहरणकर्ताओं से संबंध, करीबी ने खोले कई बड़े राज

किडनैपिंग के बाद मुख्यमंत्री आवास में होता था ‘सेटलमेंट’.. लालू यादव के अपहरणकर्ताओं से संबंध, करीबी के खोले कई बड़े राज!Lalu Yadav's connection with kidnappers

  •  
  • Publish Date - February 14, 2025 / 02:48 PM IST,
    Updated On - February 14, 2025 / 03:03 PM IST

Land for Job Case| Image Source : File Photo

HIGHLIGHTS
  • बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष का फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोहों से संबंध था।
  • लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के छोटे भाई सुभाष यादव ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया।
  • सुभाष यादव ने आरोप लगाया, वे (लालू और राबड़ी) मुझ पर अपहरण के पीछे होने का आरोप लगाते हैं।

पटना। Lalu Yadav Aarop connection with kidnappers :  राज्यसभा के पूर्व सदस्य और लालू प्रसाद के साले सुभाष यादव ने गुरुवार को आरोप लगाया कि बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष का फिरौती के लिए अपहरण करने वाले गिरोहों से संबंध था। लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के छोटे भाई सुभाष यादव ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह आरोप लगाया। सुभाष यादव ने आरोप लगाया, वे (लालू और राबड़ी) मुझ पर अपहरण के पीछे होने का आरोप लगाते हैं। वे ही लोगों का अपहरण करवाते थे और उनकी रिहाई का आदेश देते थे। लालू और राबड़ी ने सुभाष यादव से संबंध खत्म कर लिए हैं।

read more : Attack on Kinnar Akhada Kalyani Nand Giri: किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर जानलेवा हमला, कार रुकवाकर आरोपी ने मारी चाकू

उन्होंने कहा, “अगर मेरे खिलाफ कोई सबूत होता, तो मैं जेल में होता, ठीक वैसे ही जैसे लालू के खिलाफ चारा घोटाले में शामिल होने का सबूत था।” राबड़ी देवी के एक और भाई साधु यादव ने इस आरोप को निराधार, बेबुनियाद बताते हुए कहा, “उससे (सुभाष यादव) पूछना चाहिए कि तुम वहां क्या करते थे। 20 वर्ष नीतीश कुमार के शासन को हो गये और 15 वर्ष राजद का शासन था तो 35 वर्षों बाद उनकी आंख खुली। ऐसा लगता है कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से कुछ पाने या कोई पद हासिल करने के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं।” उन्होंने कहा, “मैंने लालू यादव को पहले ही कहा था कि इसको (सुभाष) तवज्जो मत दीजिए।”

साधु ने कहा, लोग अक्सर मुझे उसके जैसा ही समझ लेते थे। साधु-सुभाष एक पर्यायवाची शब्द बन गए थे। वह सभी हरकतों में लिप्त रहता था और मुझे बिना किसी कारण साझीदार समझा जाता था। सुभाष यादव ने आरोप लगाया, “वास्तव में मैं ही था, जिसने अपने जीजा (लालू यादव) को इस तरह से काम करने से रोकने की कोशिश की थी। लेकिन उन दिनों वह सत्ता के नशे में चूर थे और किसी की नहीं सुनते थे।

उन्होंने यह भी कहा कि राजद ‘कई बार टूट चुका होती, अगर दलबदल विरोधी कानून नहीं होता’ जिसे दिवंगत प्रधानमंत्री अटल ने और सख्त बना दिया था। सुभाष ने अपने भांजे तेजस्वी यादव को ‘बरसाती मेंढक’ करार देते हुए इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में राजग की भारी जीत की भविष्यवाणी की। उन्होंने दावा किया कि राजग 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 200 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगा।

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने सुभाष यादव के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, कोई भी ऐसे व्यक्ति की आलोचना पर विश्वास नहीं करेगा, जिसने हमारे पार्टी अध्यक्ष को बदनाम किया और जो अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर ऐसी बातें कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमारे सुप्रीमो (लालू यादव) के बयान ने सत्तारूढ़ गठबंधन को परेशान कर दिया है। इसलिए निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन हमारे नेता खुद में एक संस्था हैं। उनके कई विरोधियों और सहयोगियों ने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनकी शख्सियत इतनी महान है कि इस तरह के निराधार आरोप से उसे कम नहीं किया जा सकता।

 

सुभाष यादव ने किस आरोप को लेकर लालू और राबड़ी देवी पर निशाना साधा?

सुभाष यादव ने आरोप लगाया कि लालू और राबड़ी देवी के शासनकाल में अपहरण के गिरोहों से उनके रिश्ते थे और यह गिरोह लोगों का अपहरण कर उनकी रिहाई के आदेश भी देते थे।

साधु यादव ने सुभाष यादव के आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया दी?

साधु यादव ने सुभाष यादव के आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि सुभाष यादव अब अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए ऐसी बातें कह रहे हैं।

सुभाष यादव ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर क्या भविष्यवाणी की है?

सुभाष यादव ने दावा किया कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में राजग को भारी जीत मिलेगी और राजग 243 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटें जीतने में सफल होगा।

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने सुभाष यादव के आरोपों पर क्या कहा?

राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि सुभाष यादव अब सत्तारूढ़ दल के इशारे पर आरोप लगा रहे हैं, और ऐसे आरोपों का कोई मतलब नहीं है क्योंकि लालू यादव की शख्सियत इतनी महान है कि इनसे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता।

क्या सुभाष यादव ने अपने जीजा (लालू यादव) को रोकने की कोशिश की थी?

सुभाष यादव ने कहा कि वह ही थे जिन्होंने अपने जीजा, लालू यादव, को सत्ता के नशे में चूर होकर गलत काम करने से रोकने की कोशिश की थी।