चुनाव से पहले, नीतीश सरकार ने नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण स्थायी निवासियों तक किया सीमित

चुनाव से पहले, नीतीश सरकार ने नौकरियों में महिलाओं के लिए आरक्षण स्थायी निवासियों तक किया सीमित

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  • Publish Date - July 8, 2025 / 04:49 PM IST,
    Updated On - July 8, 2025 / 04:49 PM IST

पटना, आठ जुलाई (भाषा) बिहार मंत्रिमंडल ने मंगलवार को निर्णय लिया कि सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण अब केवल राज्य की स्थायी निवासियों तक ही सीमित रहेगा।

यह निर्णय राज्य में चुनाव से महज कुछ महीने पहले लिया गया है, जब सरकारी नौकरियों में अधिवास नीति लागू करने की मांग बढ़ रही है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (मंत्रिमंडल सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने कहा,‘‘मंत्रिमंडल ने सामान्य प्रशासन विभाग के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण को केवल बिहार की स्थायी निवासियों के लिए ही सीमित किया गया है। नयी नीति से राज्य की स्थायी निवासी महिलाओं के लिए वित्तीय स्वतंत्रता और नौकरी की सुरक्षा बढ़ेगी।’’

सरकार ने 2016 में सभी स्तरों पर सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। पहले किसी भी राज्य की महिलाएं इसका लाभ ले सकती थीं।

लेकिन, विधानसभा चुनाव से पहले अधिवास नीति लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है।

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने वादा किया है कि अगर विधानसभा चुनाव के बाद उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की सरकार बनती है, तो वह अधिवास नीति लागू करेगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी अधिवास नीति के लिए आवाज़ उठाई, लेकिन इस मुद्दे पर राजद की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए।

पिछले हफ़्ते बड़ी संख्या में नौकरी के आकांक्षी लोगों ने राज्य की राजधानी पटना में प्रदर्शन किया था और सरकारी नौकरियों में अधिवास नीति लागू करने की मांग की थी।

प्रदर्शन के नेताओं में से एक दिलीप कुमार ने सरकार के फैसले का स्वागत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अब सरकार को सरकारी नौकरियों में राज्य के युवाओं का 90 प्रतिशत प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए अधिवास नीति लागू करनी चाहिए।’’

भाषा

राजकुमार दिलीप

दिलीप