बिहार सरकार ने 4,000 से अधिक गैर पंजीकृत मंदिरों और ट्रस्ट के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया
बिहार सरकार ने 4,000 से अधिक गैर पंजीकृत मंदिरों और ट्रस्ट के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया
(प्रमोद कुमार)
पटना, पांच नवंबर (भाषा) बिहार के कानून मंत्री शमीम अहमद ने कहा है कि राज्य सरकार ने सभी 38 जिलों के अधिकारियों से तीन महीने के भीतर लगभग 4,000 गैर पंजीकृत मंदिरों, मठों और न्यास (ट्रस्ट) का पंजीकरण सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कई मंदिरों के पुजारियों और मठों के महंतों ने जमीन हस्तांतरित कर दी या बेच दी है, इसलिए बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाई गई हैं। बिहार सरकार जल्द ही राज्य में पंजीकृत मंदिरों और मठों की भूमि को अतिक्रमण से बचाने के लिए सभी पंजीकृत मंदिरों में बाड़ लगाने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी।
अहमद ने कहा कि बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, बिहार के सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्ट और धर्मशालाओं को बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (बीएसबीआरटी) में पंजीकृत होना चाहिए। अनधिकृत दावों से मंदिरों की भूमि सहित संपत्तियों की रक्षा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है।
बिहार के कानून मंत्री ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘संबंधित प्राधिकार द्वारा बार-बार याद दिलाने के बावजूद अभी भी राज्य के लगभग सभी जिलों में 4,000 गैर पंजीकृत सार्वजनिक मंदिर, मठ और ट्रस्ट हैं। उन्हें तीन महीने के भीतर बीएसबीआरटी के साथ अपना पंजीकरण कराना होगा। मैं सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेज रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके संबंधित जिलों में ऐसे सभी गैर पंजीकृत निकाय तीन महीने के भीतर पंजीकृत हो जाएं।’’
बीएसबीआरटी बिहार सरकार के कानून विभाग के तहत आता है। अहमद ने कहा, ‘‘अगर गैर पंजीकृत मंदिर, मठ और ट्रस्ट निर्धारित अवधि के भीतर अपना पंजीकरण कराने में नाकाम रहते हैं तो राज्य सरकार को कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि आवश्यक हो तो पर्याप्त धन नहीं होने पर विधायक क्षेत्र विकास निधि के एक निश्चित हिस्से का इस्तेमाल कुछ पंजीकृत मंदिरों और ट्रस्ट के लिए बाड़ लगाने में किया जा सकता है। उस स्थिति में विधायकों को पंजीकृत सार्वजनिक मंदिरों और ट्रस्ट की सूची संबंधित विभाग को देनी होगी, जिन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में बाड़ लगाने की आवश्यकता है।’’
बीएसबीआरटी के आंकड़ों के अनुसार राज्य में पंजीकृत मंदिरों की कुल संख्या लगभग 3002 है और उनके पास 18,500 एकड़ से अधिक भूमि है। बीएसबीआरटी द्वारा 35 जिलों से संकलित आंकड़ों के अनुसार, राज्य में लगभग 4,055 गैर पंजीकृत मंदिर और मठ हैं तथा वे कुल 4,400 एकड़ से अधिक जमीन के मालिक हैं।
बीएसबीआरटी के आंकड़ों के मुताबिक, ‘‘ गैर पंजीकृत मंदिरों, मठों की अधिकतम संख्या मुजफ्फरपुर (433), समस्तीपुर (272), दरभंगा (259), पूर्वी चंपारण (226), भागलपुर (210), वैशाली (209) सीतामढ़ी (203), रोहतास (210), भोजपुर (197), बेगूसराय (170), नालंदा (159) और सारण (154) में है।’’
भाषा आशीष सुभाष
सुभाष

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