बिहार: कुशवाहा ने मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण नाराज होने की अटकलों को खारिज किया

बिहार: कुशवाहा ने मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण नाराज होने की अटकलों को खारिज किया

बिहार: कुशवाहा ने मंत्री नहीं बनाए जाने के कारण नाराज होने की अटकलों को खारिज किया
Modified Date: November 29, 2022 / 04:36 am IST
Published Date: August 20, 2022 8:40 pm IST

पटना, 20 अगस्त (भाषा) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को इन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किए जाने के कारण नाराज हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि वह समाजवादी विचारधारा को बचाने के ”मिशन” पर हैं। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा व्यक्ति हूं जिसके लिए जब सिद्धांतों को बरकरार रखते हुए पद पर रहना असंभव हो गया तो ”पद छोड़ दिया।”

कुशवाहा ने कहा, ”मैं उन लोगों से दया की विनती करता हूं जो मुझसे बात किए बिना यह अटकलें लगा रहे हैं कि मैं नाराज हूं।”

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कुशवाहा ने ‘भ्रामक समाचार’ पर दुख जताया, जिनमें कहा गया है कि वह नयी ”महागठबंधन” सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं।

बिहार की नयी सरकार में जदयू के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल हैं जबकि वाम दल बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

कुशवाहा ने कहा, ”लोगों को पता होना चाहिए कि मैंने कभी भी पद न मिलने पर नाराजगी व्यक्त नहीं की है। बल्कि कई बार अपनी नाराजगी जताने के लिए बड़़े-बड़े पद को ठुकरा दिया।”

कुशवाहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कोटे से राज्य मंत्री थे, जो तब भाजपा की सहयोगी हुई करती थी।

कुशवाहा ने कहा, ”जिस राजनीतिक विचारधारा में मेरा विश्वास है, उसे खत्म करने की साजिश की जा रही है। ऐसा होने से रोकने के लिए, मैंने पिछले साल अपनी पार्टी का जद (यू) में विलय कर दिया था। मेरे सभी सहयोगियों का मानना था कि स्वच्छ छवि वाले नीतीश कुमार अनुभवी और मेहनती नेता हैं। वह विचारधारा को बचाने के हमारे मिशन का नेतृत्व करने में सक्षम हैं।”

विलय के तुरंत बाद राज्य विधान परिषद में जगह पाने वाले कुशवाहा ने कहा, ”मैं बताना चाहता हूं कि मैं पार्टी संगठन के लिए काम करने को अपना धर्म मानता हूं।”

समता पार्टी के दिनों से नीतीश कुमार के सहयोगी रहे कुशवाहा, तीन दशक से अधिक समय के राजनीतिक जीवन में एक से अधिक बार नीतीश का साथ छोड़ चुके हैं।

भाषा जोहेब पवनेश

पवनेश


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