Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month: ‘आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 30000 मानदेय’ डबल इंजन की सरकार तक पहुंचा लेटर, सोनिया गांधी ने सदन में उठाई थी बात

Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month: 'आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 30000 मानदेय' डबल इंजन की सरकार तक पहुंचा लेटर, सोनिया गांधी ने सदन में उठाई थी बात

Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month: ‘आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 30000 मानदेय’ डबल इंजन की सरकार तक पहुंचा लेटर, सोनिया गांधी ने सदन में उठाई थी बात

Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month: 'आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 30000 मानदेय' डबल इंजन की सरकार तक पहुंचा लेटर / Image: IBC24 Customized

Modified Date: December 21, 2025 / 12:13 pm IST
Published Date: December 21, 2025 11:20 am IST
HIGHLIGHTS
  • 30,000 मासिक वेतन और राज्य कर्मचारी के दर्जे की मांग
  • केंद्र के अंशदान को दोगुना करने की मांग
  • मनरेगा मजदूरों से भी कम भुगतान मिलता है

शाहरनपुर: Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय को लेकर एक ​बार फिर आवाज उठने लगी है। जहां एक ओर देश की संसद में विपक्षी सांसद सोनिया गांधी ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की मांग उठाई तो दूसरी ओर अब प्रदेश के कई क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने मानदेय को लेकर मोर्चा खोल दिया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार को मानदेय 30000 रुपए करने की मांग पत्र भेजी है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 30000 रुपए

Anganwadi Worker Salary 30000 Per Month सरकार को भेजे गए मांग पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि हम सरकार की विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में मुश्तैदी से लगी रहती हैं। बावजूद इसके पिछले कई सालों से मामूली मेहनताने पर कार्य कर रही है। इनमें पुष्टाहार वितरण, सर्वे सारांश की रिपोर्ट, गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांचें, बीएलओ का कार्य, टीकाकरण का कार्य, पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम आदि शामिल हैं। इसके बावजूद सरकार उन्हे मनरेगा मजदूर से भी कम मानदेय दे रही है। उन्होंने कहा कि महंगाई के दौर में मामूली मानदेय से उनके परिवारों को आर्थिक तंगी से जुझना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से 30 हजार रुपये मासिक वेतन के साथ ही राज्यकर्मचारियों का दर्जा दिए जाने की मांग की है।

सोनिया गांधी ने की मानदेय में बढ़ोतरी की मांग

बता दें कि संसद में सोनिया गांधी ने कहा था कि आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के ऊपर काम का जबरदस्त दबाव और उन्हें कम मानदेय दिये जाने का दावा करते हुए सरकार से अनुरोध किया कि देश भर में आईसीडीएस की तीन लाख रिक्तियों को भरा जाए और इनके मानदेय में केंद्र द्वारा दिये जाने वाले अंशदान को दोगुना किया जाए। गांधी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई महत्वपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में लगीं आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायक तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत काम करने वाले समुदाय संसाधन कार्यकर्ता काम के बोझ के अत्यंत दबाव में हैं, जबकि वे सार्वजनिक सेवा आपूर्ति में बड़ा योगदान दे रही हैं।

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महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में पहल

उन्होंने कहा कि यह पहल महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में की गई थी, किंतु सार्वजनिक सेवा में बहुत योगदान देने के बावजूद इन महिला कार्यकर्ताओं पर अत्यंत दबाव है और उन्हें कम पारिश्रमिक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार द्वारा 4,500 रुपए एवं 2,250 रुपए के रूप में प्रति माह बहुत मामूली मानदेय प्रदान किया जाता है। गांधी ने कहा कि देश भर में आशा कार्यकर्ता टीकाकरण कार्यक्रम चलाती हैं तथा मातृ कल्याण एवं परिवार कल्याण कार्यों में मदद करती हैं, इसके बावजूद उन्हें बहुत कम मानदेय और सामाजिक सुरक्षा मिलती है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बेहद कम

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बहुत कम मानदेय मिलता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश भर में विभिन्न स्तरों पर आईसीडीएस (एकीकृत बाल विकास योजनाओं) में तीन लाख रिक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि इन रिक्तियों के कारण लाखों माताओं एवं बच्चों को आवश्यक सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन पदों पर जब नियुक्ति होती है तो वे भी आबादी के अनुसार पर्याप्त नहीं होती हैं क्योंकि जनगणना 2011 के बाद आंकड़ों को अद्यतन नहीं किया गया।

सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह राज्यों के साथ मिलकर इन प्राथमिकताओं पर काम करे, सभी रिक्तियों को भरा जाए, सभी कार्यकर्ताओं को समय पर भुगतान किया जाए और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले इन कार्यकताओं को दिये जाने वाले मानदेय में केंद्र के अंशदान को दोगुना किए जाए। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने यह आग्रह भी किया कि ढाई हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जाए तथा बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में मदद के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की संख्या दोगुनी की जाए।

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"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"