बिहार पुलिस ने एसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया
बिहार पुलिस ने एसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज किया
पटना, चार जनवरी (भाषा) बिहार पुलिस ने राज्य कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के पहले सत्र को रद्द किये जाने के बाद इसके सभी सत्रों को निरस्त करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर बुधवार को लाठीचार्ज किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि घटना में कोई पुलिसकर्मी या प्रदर्शनकारी घायल नहीं हुआ और पांच आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया गया है।
सरकारी विभागों में सचिवालय स्तर कर्मियों की भर्ती के लिए परीक्षा के पहले तीन सत्र पिछले साल 23 और 24 दिसंबर को आयोजित किये गये थे और सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र लीक होने की खबरों के बाद पहली परीक्षा को रद्द कर दिया गया।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि यहां दोपहर के समय जमाल रोड चौराहे पर प्रदर्शनकारी जमा हुए और उन्होंने रास्ता अवरुद्ध कर दिया जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘भारी भीड़ थी और उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उन्होंने बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के कार्यालय की ओर बढ़ने का प्रयास किया। उन्होंने अपने पांच सदस्यों को एक मजिस्ट्रेट के साथ बीएसएससी कार्यालय जाने और ज्ञापन जमा करने के प्रस्ताव के बावजूद वहां से जाने से मना कर दिया तो हल्का बल प्रयोग किया गया।’’
एसएसपी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गयी और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किया। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठी चार्ज करना पड़ा।’’
बाद में प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने संवाददाताओं से कहा कि परीक्षा प्रारंभ होने से पहले बीएसएससी परीक्षा के पहले तीन सत्रों के प्रश्नपत्र कई सोशल मीडिया मंचों पर लीक हो गये। उन्होंने बीएसएससी से सभी परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की।
बीएसएससी अधिकारियों से इस बाबत प्रतिक्रिया के लिए कई बार संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।
राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव ने बीएसएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज को लेकर निराशा जताई और आश्वासन दिया कि सरकार प्रश्नपत्र लीक में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
विपक्षी भाजपा ने लाठीचार्ज की निंदा की है। वरिष्ठ पार्टी नेता तारकिशोर प्रसाद ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार को अभ्यर्थियों की मांग मान लेनी चाहिए और संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा के सभी सत्रों को निरस्त किया जाए।’’
भाषा वैभव माधव
माधव

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