बिहार चुनाव: सीट बंटवारे के लिए राजग और ‘इंडिया’ गठबंधन ने कीं लंबी बैठकें
बिहार चुनाव: सीट बंटवारे के लिए राजग और ‘इंडिया’ गठबंधन ने कीं लंबी बैठकें
पटना/बेंगलुरु/नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन ने राज्य के आगामी चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर अपने-अपने सहयोगी दलों के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए बुधवार को लंबी बातचीत की। दोनों गठबंधनों में शामिल दल अधिक सीट दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
राजग के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए पटना में भाजपा की चुनाव समिति की बैठक हुई जबकि कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए दिल्ली में बैठक की। समझा जाता है कि कांग्रेस ने 25 उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं।
राजग में शामिल दल हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया कि वह ‘दावा नहीं, बल्कि अनुरोध’ कर रहे हैं कि उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक संख्या में सीटें दी जाएं।
मांझी ने पटना में पत्रकारों से कहा, “अगर हमें कम से कम 15 सीटें नहीं दी गईं तो यह मेरे और मेरी पार्टी के लिए अपमानजनक होगा। यदि हमें 15 सीटें मिलती हैं, तो हम आसानी से कम से कम 8-9 सीटें जीत सकते हैं और हम मान्यता प्राप्त पार्टी बन जाएंगे। स्थापना के 10 साल बाद भी ‘हम’ एक मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं बन पाई है। इसलिए, मैं राजग नेताओं से अनुरोध कर रहा हूं, दावा नहीं।”
मांझी ने संकेत दिया कि वह चाहते थे कि चार विधायकों वाली उनकी पार्टी बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से आधी सीटों पर चुनाव लड़े, लेकिन राजग सहयोगियों के खिलाफ लड़ाई से बचने के लिए 15 सीटों पर समझौता करने को तैयार हैं।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट भी किया, जो रामधारी सिंह दिनकर की कविता ‘रश्मिरथी’ की एक प्रसिद्ध पंक्ति से प्रेरित लग रही थी। इसमें भगवान कृष्ण ने दुर्योधन से शांति स्थापित करने की कोशिश की थी, लेकिन दुर्योधन की जिद के कारण महाभारत का युद्ध हुआ था।
मांझी ने पोस्ट में भाजपा को संबोधित करते लिखा, ‘हो न्याय अगर तो आधा दो। पर उसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल 15 ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और पार्टी के नेता विनोद तावड़े ने पटना में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सीट बंटवारे पर चर्चा की।
सूत्रों ने कहा कि उन्हें दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को विस्तृत रिपोर्ट सौंपनी है, जिसके बाद पार्टी आलाकमान फैसला लेगा।
मांझी ने यह भी कहा, ‘अगर हमें सम्मानजनक संख्या में सीटें नहीं मिलीं तो मेरी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भले ही हम चुनाव न लड़ें, हमारी पार्टी राजग सहयोगियों के लिए काम करती रहेगी।’
सूत्रों के अनुसार, राजग में शामिल बड़े दल जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा क्रमशः लगभग 102 और 101 सीटों पर चुनाव लड़़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने पहले लगभग 20-22 सीटें देने पर संतोष जताया था, लेकिन अब वह 25 और सीट मांग रहे हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि पार्टी को कम से कम 45 सीट मिलनी चाहिए। पार्टी के एक नेता ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी।
साल 2020 के विधानसभा चुनावों में, पासवान ने राजग से अलग होकर चुनाव लड़ा था। उस चुनाव में पासवान की पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन उसने कई सीट पर जद (यू) को नुकसान पहुंचाया था। इस वजह से जद (यू) को पिछले दो दशकों में सबसे कम 43 सीट पर जीत मिली थी।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने पत्रकारों से कहा, “राजग में सब कुछ ठीक है। सीट बंटवारे और पार्टी उम्मीदवारों के नाम समेत अन्य मुद्दों पर अंतिम फैसला संसदीय बोर्ड की बैठक में किया जाएगा।”
जायसवाल बुधवार को पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित पार्टी की चुनाव समिति की बैठक में भी शामिल हुए। यह बैठक चार घंटे से ज़्यादा समय तक चली।
प्रधान और अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने इससे पहले सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए मांझी से भी मुलाकात की थी।
महागठबंधन के सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय जनता दल (राजद) लगभग 135-140 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। पार्टी ने कांग्रेस को 50-52 सीटें देने की पेशकश की हैं, जो कांग्रेस की मांग यानी 70 सीटों से कम हैं।
साल 2020 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 70 सीट पर चुनाव लड़ा था लेकिन केवल 19 सीट जीती थीं।
‘इंडिया’ गठबंधन का एक अन्य बड़ा घटक दल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन भी उसे दी गई 20-25 सीटों से संतुष्ट नहीं है।
पांच साल पहले भाकपा (माले) ने 19 में से 12 सीट जीती थी और इस बार बताया जा रहा है कि वह 40 सीट मांग रही है।
‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल एक और दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) कम से कम 40 सीटों पर चुनाव लड़ने पर अडिग है।
इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि पार्टी अपने सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के मुद्दों को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सुलझा लेगी।
उन्होंने कहा, “हम इसे सुलझा रहे हैं…।”
राजग सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर किसी तरह के मतभेद को खारिज करते हुए, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पटना में कहा, ‘नीतीश कुमार राजग की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। राजग में सब ठीक है… सीट बंटवारे पर बातचीत जारी है और अंतिम फार्मूला जल्द ही तय हो जाएगा।’
उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महागठबंधन ‘विभाजित’ है।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव राजद का चेहरा होंगे, न कि महागठबंधन का। अब राजद के प्रमुख लालू यादव कांग्रेस नेतृत्व के बयान के बाद चिंतित और भयभीत हैं… महागठबंधन का नेतृत्व अभी तय नहीं हुआ है। मैं कहना चाहता हूं कि राजग की नीति, नेतृत्व और इरादा सब तय हैं, और कोई नाराजगी नहीं है।”
पटना में पत्रकारों से बातचीत में, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी का हर कार्यकर्ता चुनावी लड़ाई में ‘बिहार और बिहारी पहले’ के विजन के साथ उतरेगा।
इस बीच, राजद नेता तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से कहा, ‘लोग बिहार में राजग सरकार से तंग आ चुके हैं। महागठबंधन आराम से राज्य में सरकार बनाएगा।’
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरण में होंगे। पहले चरण में छह और दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
भाषा जोहेब अविनाश
अविनाश

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