Violence against the 'Agneepath' scheme

‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में बिहार में नहीं थम रही हिंसा, चौथे दिन भी कई जगहों में हुए प्रदर्शन, 250 गिरफ्तार

Violence against the 'Agneepath' scheme : बिहार : ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में लगातार चौथे दिन भी हिंसा जारी रही, 250 गिरफ्तार

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 03:46 PM IST, Published Date : June 19, 2022/1:36 am IST

Violence against the Agneepath scheme : सशस्त्र बलों में भर्ती की शुरू की गई नई ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ शनिवार को लगातार चौथे दिन भी बिहार में हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी रहे।  राज्य में शनिवार को इस योजना के खिलाफ एक दिन के लिए ‘बिहार बंद’ की भी घोषणा कई संगठनों ने की थी और इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया और पथराव की घटनाओं में कई कर्मी घायल हो गए।

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पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ‘बिहार बंद’ के दौरान रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है।

पुलिस के मुताबिक 16 जून से 18 जून तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। सीसीटीवी फुटेज तथा वीडियोग्राफी के जरिये अराजक तत्वों तथा हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने कहा कि जांच के क्रम में हिंसा करने वालों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा आम जनता तथा सभी छात्रों से शान्ति बनाए रखने, प्रशसन का सहयोग करने, किसी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान नहीं देने तथा किसी के बहकावे में नहीं आने की अपील की गयी है।

पटना जिले के मसौढी अनुमंडल में तारेगाना रेलवे स्टेशन पर आगजनी करने वालों ने पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एक चार पहिया वाहन को भी आग के हवाले कर दिया। उन्होंने कर्मियों पर पथराव भी किया और उनपर गोलियां भी चलायीं।

जिला प्रशासन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भीड़ को भड़काने में संदिग्ध संलिप्तता के लिए मसौढी में कुछ कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है।

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विज्ञप्ति में कहा गया है कि पटना, दानापुर और पालीगंज शहर में स्थित कई कोचिंग संस्थानों के बारे में ऐसी ही रिपोर्ट मिली है जिनमें से सभी पर जांच के बाद कार्रवाई किए जाने की संभावना है।

पटना के दानापुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा एक एम्बुलेंस पर हमला किया गया। एंबुलेंस चालक ने आरोप लगाया कि गाडी के भीतर मौजूद मरीज और परिचारकों को भी पीटा गया। बिहार की राजधानी पटना में कई जगहों पर प्रदर्शन हुए और कम से कम तीन प्रमुख राजनेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया।

जमुई के सांसद चिराग पासवान अपने चेहरे पर एक काला गमछा लपेटकर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए राजभवन तक मार्च निकाल रहे थे। इसी क्रम में हडताली चौक के पास पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। पासवान को पुलिस ने इसके उपरांत एक छोटे से प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए राजभवन जाने दिया गया।

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पासवान ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए नई योजना के सबसे विवादास्पद प्रावधान का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हमने इस बात को रेखांकित करने की कोशिश की है कि पेंशन खर्च को कम करने के लिए सशस्त्र बलों को प्रयोगशाला नहीं माना जा सकता है।’’

उन्होंने अग्निपथ को तत्काल वापस लेने और सभी राजनीतिक दलों के परामर्श से एक नई नीति तैयार करने की मांग की। कुछ दूरी पर भाकपा माले विधायक और आइसा के राष्ट्रीय महासचिव संदीप सौरव को कारगिल चौक पर एक उत्साही भाषण देने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

सौरव ने कहा, ‘‘हमें दो चीजें सुनिश्चित करनी चाहिए। सबसे पहले इस आंदोलन को हिंसा के प्रचंड कृत्यों में बदलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। दूसरा हमें आंदोलन की गति को बनाए रखना चाहिए और इसमें ढिलाई नहीं की जानी चाहिए। इन दो विशेषताओं ने किसानों के विरोध को चिह्नित किया और सरकार को विवादास्पद कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर किया गया।’’

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पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को डाक बंगला चौराहे पर हिरासत में ले लिया गया जहां उनकी जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सड़क यातायात अवरुद्ध कर दिया था और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए उनके अनुरोध के बावजूद पास के खरीदारी प्रतिष्ठानों पर कुछ पत्थर फेंके गए थे।

उन्होंने कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों को मेरा सुझाव है कि हिंसा को छोड़ दें और सभी भाजपा नेताओं को उनके घरों के अंदर बंद कर दें। यह केंद्र में सरकार को जल्द ही अपने घुटनों पर ला देगा।

जहानाबाद जैसे जिलों से भी छिटपुट घटनाएं हुई हैं जहां एक पुलिस दल पर हमला किया गया था और गया जहां एक ट्रेन के डिब्बे में आग लगा दी गई। पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) ने कहा कि ट्रेन में सवार कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ और प्रभावित डिब्बे को जल्दी से अलग कर दिया गया। ईसीआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वीरेंद्र कुमार के अनुसार दिन में 189 ट्रेनों को रद्द किया गया जबकि छह ट्रेनें निर्धारित गंतव्य से पहले ही रोक दी गईं। वीरेंद्र ने कहा कि यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रविवार को एहतियातन तड़के 04.00 बजे से शाम 20.00 बजे के बीच ट्रेनों के परिचालन पर रोक लगाई जाएगी।

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