पटना, 17 मार्च (भाषा) बिहार में विपक्षी पार्टी भाजपा ने शुक्रवार को राज्य विधानसभा के सत्र के दौरान विधानसभा के भीतर ‘मॉक प्रोसीडिंग’ की जिसके बाद अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जताई और विधायकों को उनके इस व्यवहार के लिए फटकार लगाई।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा अपनी सीट पर हत्या के एक पुराने मामले पर सरकार से जवाब मांग रहे थे जिसमें उनकी पार्टी भाजपा राज्य के मंत्री और राजद नेता इसरायल मंसूरी की संलिप्तता का आरोप लगा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी द्वारा सिन्हा की बातों पर ध्यान न देकर प्रश्नकाल की कार्यवाही को आगे बढाए जाने पर सभी भाजपा सदस्य विरोध में सदन से बहिर्गमन कर गए।
सिन्हा ने बिहार विधानसभा के बाहर महागठबंधन सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया, ‘‘यह एक ‘‘हत्यारी’’ सरकार है। हम मंत्री के प्रतिनिधित्व वाले विधानसभा क्षेत्र कांटी में पिछले महीने हुई हत्या के सिलसिले में मंत्री को बर्खास्त करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्री का नाम प्राथमिकी में शामिल नहीं था और मृतक के परिवार को भी मामला वापस लेने की धमकी दी जा रही है।’’
सिन्हा ने आरोप लगाया, ‘‘सरकार अपने दागी मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है और अध्यक्ष भी सदन के संरक्षक की भूमिका न निभाकर दलगत ढंग से काम कर रहे हैं। हमने वापस जाने और सदन के अंदर धरना देने का फैसला किया है।’’
थोडी देर बाद भाजपा सदस्य सदन के भीतर वापस आ गए लेकिन विधायक अपनी सीटों नहीं गए और वेषम में बैठ गए जिसपर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘आप लोगों ने बहिर्गमन किया, बिना बुलाए वापस आ गए और अब आप यह तमाशा कर रहे हैं।’’
बहरहाल भाजपा विधायकों ने रिपोर्टिंग स्टाफ के लिए रखी गई कुर्सियों में से एक को खींच लिया, जिस पर उन्होंने विधायक भागीरथी देवी बिठा दी गईं जिन्होंने स्वयंभू ‘‘अध्यक्ष’’ की भूमिका निभाई थी।
इस बीच, भोजनावकाश के पूर्व तक सदन की कार्यवाही चलती रही हालांकि अध्यक्ष ने बीच-बीच में विपक्ष के विधायकों पर नजर डाली और नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उनमें से कुछ मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे थे जो कि
सदन की मर्यादा के खिलाफ है।
भाषा अनवर अर्पणा
अर्पणा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)