पटना, चार दिसंबर (भाषा) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने सोमवार को कहा कि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में ‘‘इंडिया’’ गठबंधन के साझेदारों के साथ कोई तालमेल नहीं कर अकेले चुनाव लड़कर गलती की।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधानपरिषद सदस्य नीरज कुमार ने भी इन राज्यों में कांग्रेस की हार के लिए भाजपा की ‘‘सांप्रदायिक उन्माद’’ की कथित राजनीति का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में विफलता को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि आपका राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन है, लेकिन आप राज्यों में अलग-अलग चुनाव लड़ना चाहते हैं।’’
नीरज ने कहा कि केवल बैठकें करने और जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं दिखाने से ‘इंडिया’ इतना बनावटी लगने लगता है कि लोग उससे जुड़ नहीं पा रहे हैं।
विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक जदयू ने मध्य प्रदेश में पांच सीट पर और उतनी ही सीट एक अन्य असंतुष्ट सहयोगी समाजवादी पार्टी ने भी चुनाव लड़ा था ।
नीरज ने जातिगत जनगणना और ओबीसी का केवल उल्लेख करने तथा पिछड़े राज्यों को विशेष दर्जा देने, वंचित जातियों के लिए कोटा बढ़ाने और कानूनी अडचनों में बचने के लिए इसे नौवीं अनुसूची में डालने की बिहार की मांग को ठीक ढंग से नहीं उठाए जाने के के लिए कांग्रेस से नाराजगी व्यक्त की।
जदयू नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में इन चीजों का उल्लेख किया जाना चाहिए था । उनका कहना था कि बिहार में जो शुरू किया गया है उसकी अन्य राज्यों में भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सांप्रदायिक उन्माद की राजनीति का मुकाबला सामाजिक सरोकार के इन मुद्दों को ही उठाकर किया जा सकता है।
मीडिया के एक वर्ग द्वारा विधानसभा चुनाव परिणामों से ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस की स्थिति कमजोर होने एवं नीतीश कुमार की स्थिति मजबूत होने के रूप में पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर नीरज ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह प्रधानमंत्री पद के आकांक्षी नहीं हैं। उनकी एकमात्र चिंता भाजपा के विरोध में सभी दलों को एक साथ लाना है, जिसके लिए उन्होंने पटना में एक बैठक की मेजबानी कर देश भर के विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बातचीत की थी।’’
जदयू प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि पटना, मुंबई और बेंगलुरु की बैठकों के बाद इंडिया गठबंधन फिर से गति पकडेगा। उम्मीद है कि दिल्ली में छह दिसंबर को आयोजित की जा रही बैठक उस दिशा में पहल की जाएगी।’’
भाषा अनवर राजकुमार
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