भाकपा (माले) लिबरेशन ‘मीडिया और विपक्ष को धमकाने’ के खिलाफ करेगी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

भाकपा (माले) लिबरेशन ‘मीडिया और विपक्ष को धमकाने’ के खिलाफ करेगी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

भाकपा (माले) लिबरेशन ‘मीडिया और विपक्ष को धमकाने’ के खिलाफ करेगी राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन
Modified Date: October 8, 2023 / 09:47 pm IST
Published Date: October 8, 2023 9:47 pm IST

पटना, आठ अक्टूबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने रविवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के आलोचक पत्रकारों और विपक्षी नेताओं को कथित तौर पर धमकी दिए जाने के खिलाफ एक सप्ताह का राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन आयोजित करेगी।

भट्टाचार्य ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में नौ से 15 अक्टूबर के बीच विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया गया।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ न्यूयॉर्क टाइम्स में महज दो वाक्य लिखे जाने के आधार पर जिस तरह से सख्त गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत कार्रवाई की गई है, उसे हमने गंभीरता से लिया है। यहां तक जो लोग आलेख लिखते थे, उनसे भी पूछताछ की गई है। पत्रकारिता की तुलना आतंकवाद से कर खतरनाक नजीर पेश की गई है।’’

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उन्होंने उन खबरों पर चिंता जताई जिसके मुताबिक पुलिस ने पूछताछ के दौरान पत्रकारों से किसान आंदोलन और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कवरेज को लेकर सवाल किए और उनके मोबाइल फोन एवं लैपटॉप जब्त कर लिए गए।

भट्टाचार्य ने कहा कि यह उन्हें ‘‘ भीमा कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं को शिकार बनाने की याद दिलाती है जिनमें से एक सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को गिरफ्तार किया गया था और जेल में उनकी तबीयत बिगड़ने और बुढ़ापे की वजह से मौत हो गई थी।’’

भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘गत दो साल से ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ चल रही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) जांच अनिर्णायक रही। भीमा कोरेगांव मामले में कार्यकर्ताओं पर… अभियोग लगाए गए। हमें डर है कि उसी तरह का हथकंडा ‘न्यूजक्लिक’ मामले में अपनाया जा सकता है।’’

उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप), तृणमूल कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) से जुड़े नेताओं के खिलाफ हालिया कार्रवाई पर अफसोस जताया जिनकी क्रमश: दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में सरकार है। ये तीनों दल केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य हैं।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘राजनीतिक बदले की कार्रवाई के खिलाफ एक सप्ताह तक प्रदर्शन किया जाएगा। ‘इंडिया’ गठबंधन का घटक होने के नाते भाकपा (माले) लिबरेशन लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन को मजबूत करने के लिए हर कोशिश करने को प्रतिबद्ध है।’’

भट्टाचार्य की पार्टी बिहार की नीतीश कुमार सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। उन्होंने कहा कि हाल में जारी जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े ‘बहुत कुछ कहते हैं’, हालांकि अभी और आंकड़े की जरूरत है ताकि संबंधित सामाजिक समूहों की आर्थिक स्थिति का पता लगाया जा सके।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘लंबे समय तक 1931 के जनगणना के आधार पर माना जाता था कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की आबादी करीब 52 प्रतिशत होगी। अब यह अनुपात 63 प्रतिशत हो गई है। इनमें से भी 37 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग में आते हैं। इस संदर्भ में आंकड़े बहुत कुछ कहते हैं और राष्ट्रव्यापी जातिगत गणना की जरूरत को रेखांकित करते हैं।’’

भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने ‘‘अगल-अलग तरीकों से आरक्षण प्रणाली को नष्ट कर दिया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘ सामाजिक न्याय को लेकर हमारे रुख पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है।’’

उन्होंने खुलासा किया कि पार्टी बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर ‘शीघ्र’ सीटों के बंटवारे का प्रयास कर रही है। राज्य में भाजपा विरोधी गठबंधन को ‘महागठबंधन’ कहते हैं।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश


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