स्वतंत्रता सेनानियों ने यह दिखाया कैसे अलग-अलग विचारधारा वाले लोग एकसाथ आ सकते हैं: भागवत

स्वतंत्रता सेनानियों ने यह दिखाया कैसे अलग-अलग विचारधारा वाले लोग एकसाथ आ सकते हैं: भागवत

स्वतंत्रता सेनानियों ने यह दिखाया कैसे अलग-अलग विचारधारा वाले लोग एकसाथ आ सकते हैं: भागवत
Modified Date: November 29, 2022 / 06:17 am IST
Published Date: November 27, 2022 9:22 pm IST

पटना, 27 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि देश की आजादी के लिए लड़ने वालों ने यह दिखाया कि अलग-अलग विचारधारा वाले लोग कैसे एक साझा उद्देश्य के लिए एकसाथ आ सकते हैं।

भागवत बिहार के अपने चार दिवसीय दौरे के तीसरे दिन सारण जिले के मलखचक गांव में एक समारोह में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन अल्प चर्चित स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में किया गया था।

भागवत दरभंगा जाने से पहले कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जहां वह राज्यभर के आरएसएस कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगे। भागवत ने इस अवसर ‘‘स्वतंत्रता आंदोलन की बिखरी कड़ियां’’ शीर्षक वाली एक पुस्तक का विमोचन भी किया।

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आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘आजादी के लिए लड़ने वालों ने यह दिखाया कि अलग-अलग विचारधारा वाले लोग कैसे एक साझा उद्देश्य के लिए एकसाथ आ सकते हैं।’’

सारण में आयोजित कार्यक्रम में बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल और बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य ने भी भाग लिया।

उन्होंने ‘‘विश्व शक्ति’’ की धारणा को खारिज करते हुए इस तरह की गलत महत्वाकांक्षाओं को रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि भारत कभी भी ऐसी आकांक्षा नहीं रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता हमेशा सार्वभौमिक कल्याण के लिए खड़ी हुई है।

सारण में आयोजित समारोह में भाग लेने के बाद भागवत करीब 150 किलोमीटर दूर दरभंगा जिले के लिए रवाना हुए जहां उनका बिहार के सभी 38 जिलों के आरएसएस के ‘‘प्रचारकों’’ के प्रतिनिधिमंडल से मिलने का कार्यक्रम है।

आरएसएस प्रमुख का बिहार दौरा सोमवार को समाप्त होगा जब वह संघ परिवार के एक खुले सत्र को संबोधित करेंगे।

भाषा अनवर अमित

अमित


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