जनसुराज पार्टी ने चंदा इकट्ठा करने के लिए शुरू किया ऐप

जनसुराज पार्टी ने चंदा इकट्ठा करने के लिए शुरू किया ऐप

जनसुराज पार्टी ने चंदा इकट्ठा करने के लिए शुरू किया ऐप
Modified Date: October 9, 2025 / 12:38 am IST
Published Date: October 9, 2025 12:38 am IST

पटना, आठ अक्टूबर (भाषा) पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को चंदा इकट्ठा करने के अभियान की शुरुआत की।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने यह भी दावा किया कि पार्टी ने बिहार की राजग सरकार पर 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन में जन सुराज योगदान ऐप लांच करते हुए सिंह ने दावा किया कि लोग पार्टी के उत्थान में योगदान देने के लिए उत्सुक हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘ लोग अब इस ऐप के जरिए 100 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का योगदान कर सकते हैं, जो हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध है।’

सिंह ने दावा किया कि जन सुराज पार्टी लगातार राजग सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों का पर्दाफ़ाश कर रही है।

उन्होंने दावा किया, ‘हमने 70,000 करोड़ रुपये की बेहिसाबी रकम से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाया है। बिहार सरकार के अधिकारियों ने यह रकम हड़प ली है।’

पार्टी के महासचिव किशोर कुमार मुन्ना ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर जुलाई 1999 में कथित बलात्कार-हत्या की घटना में शामिल होने का आरोप लगाया, तब बिहार में राजद सत्ता में थी।

सिंह ने कहा, ‘‘ घटना के कुछ ही दिनों के भीतर सम्राट चौधरी के पिता शकुनि चौधरी सत्तारूढ़ राजद में शामिल हो गए। क्या ऐसा सम्राट चौधरी को जांच से बचने के लिए किया गया? उपमुख्यमंत्री को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।’

पार्टी नेता और वरिष्ठ वकील वाईवी गिरि ने 70,000 करोड़ रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

गिरि ने कहा, ‘आमतौर पर, सरकारी खजाने से पैसा निकालने वाले सरकारी अधिकारियों को उपयोग प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होता है। लेकिन इस मामले में, शायद ही कोई उपयोग प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया हो।’

उन्होंने आरोप लगाया कि लोक लेखा समिति (पीएसी) ने मामले की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि लालू यादव का मामला, जिसमें कई लोगों पर आरोप लगाए गए और उन्हें जेल भेजा गया, केवल 950 करोड़ रुपये का था लेकिन वर्तमान मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

भाषा कैलाश शोभना

शोभना


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